उत्तर प्रदेश में 4 चरणों का विधानसभा चुनाव संपन्न हो गया है। इस बार कुल 7 चरणों में चुनाव होने हैं और नतीजे 10 मार्च को आएंगे। सूबे का सियासी संग्राम अब पूर्वांचल की तरफ बढ़ चला है। जहां बीजेपी दोबारा सत्ता में वापसी के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। तो सपा समेत दूसरे विपक्षी दल भी लोगों को जोड़ने के लिए हर संभव प्रयास करते दिख रहे हैं।
सत्तारूढ़ बीजेपी रैली, जन-सभाओं, डोर टू डोर कैंपेन आदि के जरिए लोगों तक पहुंच रही है। इसी क्रम में पीएम मोदी ने अमेठी में एक रैली को संबोधित किया। इस रैली के तमाम वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं और दावा किया जा रहा है कि पीएम की सभा में अपेक्षित जनता नहीं पहुंची। वायरल वीडियो में तमाम खाली कुर्सियां दिख रही हैं और कुछ कुर्सियों पर लोग बैठे-बैठे सोते दिखाई पड़ रहे हैं।
पीएम की रैली में खाली कुर्सियों का वीडियो साझा कर तमाम लोग चुटकी ले रहे हैं। पूर्व आईएएस अफसर सूर्य प्रताप सिंह ने वीडियो साझा करते हुए लिखा, ‘अमेठी में मोदी जी की रैली में जनसैलाब…खाली कुर्सियों को भाषण पिला रहे हैं। दोनों #बाबा गए।’ उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा, ‘लोग सो रहे हैं, बसों में भरकर-ढोकर लाया गया है फिर भी ये हाल है। जो कुछ भी लोग हैं, उनमें कोई जोश नहीं है।’
सूर्य प्रताप सिंह ने रैली में कुर्सी पर सोते एक शख्स की तस्वीर शेयर करते हुए चुटकी ली, ‘नमक का … ना, ना पौआ का कर्ज उतारता, पीएम की रैली में एक भक्त।’ वरिष्ठ पत्रकार संजय शर्मा ने वीडियो साझा करते हुए लिखा, ‘कभी लोग मोदी जी का भाषण उनके सामने हाथ जोड़ कर सुनते थे! भगवान मानते थे उनको! आज क्या हालत हो गई है देखिये…अमेठी में कुर्सियां ख़ाली पड़ी हैं। लोग सो रहे हैं और बीच भाषण छोड़कर चले जा रहे है। हर ज़िले से आ रही यह तस्वीरें बता रही है कि दस मार्च को क्या होने वाला है।’
एक यूजर ने लिखा, ‘रैली में कुर्सी पर लोग ऐसे बेहोश हैं, लग रहा है अमेठी के निवासी नहीं हैं। बेचारे लोग बस में बैठे-बैठे थक गये हैं और अपनी थकान को रैली में दूर कर रहे हैं।’ श्रीकांत वर्मा ने लिखा, ‘जयंत चौधरी जी सही कह रहे हैं, जब बीजेपी का भाग्य ही सो गया है तो बीजेपी की रैली में आए हुए लोग क्यों न सोएं?’।
एके नाम के यूजर ने पूर्व आईएएस को घेरते हुए एक वीडियो साझा किया और लिखा, ‘आपने तो नकली वीडियो डाला है… आवाज कहीं की और मैदान कहीं का…असली वाला ये है।’
अश्विनी अत्री ने लिखा, ‘यह तो ठीक है लेकिन जो भाड़े की भीड़ आती है उसका क्या! बेचारे थके रहते हैं और रैली में आकर सो जाते हैं। मजबूरी में उन्हें पूरा भाषण सुनना पड़ता है क्योंकि जब तक रैली खत्म नहीं होगी तब तक वह जा नहीं सकते, दूर से आए हैं।’ पीके नाम के यूजर ने सोते हुए शख़्स की तस्वीर पर टिप्पणी की, ‘ये तो साहेब की तरफ देख भी नहीं रहे…लगता है वेट कर रहे हैं कि कब रैली खत्म हो और इनको 300-300 रुपए मिले।’