सिनेमा को समाज का आईना कहा जाता है, और ऐसा कई बार होता है कि फिल्मों को देखकर लोग इंस्पायर भी होते हैं। कभी सुनने को मिलता है कि प्यार मोहब्बत सिर्फ फिल्मों में अच्छा लगता है रियल लाइफ में नहीं। एक तरफ आती है डीडीएलजे जैसी फिल्में जहां राज सिमरन से शादी करने के लिए उसके घर तक आ जाता है। वो उसके घरवालों को मनाने की पूरी कोशिश करता है और सिमरन के सख्त डैड शादी के लिए मान भी जाते हैं अंत में। मगर बॉलीवुड में कई ऐसी भी फिल्में आई हैं जहां घरवालों ने लड़की की जबरदस्ती अरेंज मैरिज करा दी है, शादी लड़की की मर्जी के खिलाफ होती है मगर बाद में उसे पापा के पसंद किए गए लड़के से प्यार हो जाता है। ऐसा नहीं है कि लड़की ने जिससे प्यार किया वो लड़का बुरा होता है, मगर वो अरेंज मैरिज दबाव में करती है बाद में उसे अपने पति से प्यार हो जाता है। पति से प्यार होना और उसके साथ रहने का फैसला करना बुरा नहीं है मगर क्या ये फिल्में ये संदेश नहीं देती हैं कि घरवाले लड़की की बिना मर्जी उसकी शादी कहीं भी करा दें। जहां एक तरफ लड़कियां अपने पैरों पर खड़ी होकर अपने फैसले खुद लेने की तरफ बढ़ रही हैं, वहां पर ऐसी फिल्में हमें ये संदेश देती हैं कि मां-बाप के जबरदस्ती लिए फैसले ही बेटी के लिए सही हैं।
हम दिल दे चुके सनम
सलमान खान, ऐश्वर्या राय और अजय देवगन की फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। नंदिनी को समीर से प्यार हो जाता है और घरवालों को इसकी खबर लगती है तो वो नंदिनी की शादी वनराज से करा देते हैं। लेकिन नंदिनी के मन में समीर के लिए प्यार नहीं खत्म होता, तो वनराज उसे उसके प्यार से मिलाने के लिए चल देता है, हालांकि बाद में नंदिनी अपने पति के साथ ही रहने का फैसला करती है। हर किसी को लगता है कि फिल्म की हैप्पी एंडिंग हुई, लेकिन समीर के नजरिए से सोचो तो क्या गलती थी उसकी।
धड़कन
शिल्पा शेट्टी, सुनील शेट्टी और अक्षय कुमार जैसे सितारों से सजी फिल्म धड़कन की कहानी भी जबरदस्ती की शादी पर आधारित है। अंजलि (शिल्पा शेट्टी) को देव (सुनील शेट्टी) से प्यार होता है, मगर अंजलि के पिता इस शादी के लिए राज़ी नहीं होते हैं और वो अंजलि की शादी जबरन राम (अक्षय कुमार) से करा देते हैं। बाद में ना ना करते अंजलि को राम से प्यार हो जाता है और प्रेग्नेंट भी हो जाती है। वहीं देव 500 करोड़ की प्रॉपर्टी का मालिक बन जाता है।
सत्यप्रेम की कथा
कियारा आडवाणी और कार्तिक आर्यन की फिल्म में भी कियारा के किरदार कथा की शादी बिना उसकी मर्जी के सत्यप्रेम (कार्तिक आर्यन) से करा दी जाती है। कथा को तपन नाम के लड़के से प्यार होता है मगर वो कथा का रेप कर देता है जिसके बाद वो प्रेग्नेंट हो जाती है और उसे गर्भपात कराना पड़ता है। जिसके बाद वो टूट जाती है और सत्तू से शादी के बाद जब भी संबंध बनाने की वो कोशिश करता वो इमोशनली टूट जाती थी। इस फिल्म में भले ही कथा का बॉयफ्रेंड तपन विलेन था, लेकिन एक सदमे से निकालने के लिए बेटी की जबरदस्ती बिना मर्जी के शादी कराना भी कहां उचित है। उसे किसी अच्छे से साइकाट्रिस को दिखाकर इस ट्रॉमा से निकालने की कोशिश करनी चाहिए थी।
अतरंगी रे
इस फिल्म की कहानी थोड़ी अलग है मगर ये भी जबरदस्ती की शादी पर आधारित है। जहां रिंकू (सारा अली खान) मानसिक रूप से एक बीमारी से जूझ रही होती है और वो अपने प्रेमी (अक्षय कुमार) के साथ भागने की कोशिश करती है जो असल में सिर्फ उसका वहम होता है, वहीं विशु (धनुष) जिसकी एक लड़की से सगाई हो चुकी है उसे पकड़कर जबरदस्ती उसका विवाह रिंकू से करा दिया जाता है। मगर बाद में उसे सारा के किरदार से प्यार हो जाता है और उसकी मंगेतर को फिल्म से साइडलाइन कर दिया जाता है।
हर किसी की अपनी पसंद और मर्जी होती है, और उसे महत्व देना चाहिए। जबरदस्ती की शादी और घरवालों के फैसले को मानने से लड़की की जिंदगी बर्बाद हो सकती है। फिल्मों में हमें राम और सत्यप्रेम जैसे लड़के मिल जाते हैं मगर असल जिंदगी इतनी सुहानी हो ये जरूरी तो नहीं है।