उत्तर प्रदेश में दंगा और हंगामा करने वाले आरोपियों के घर बुलडोजर चल रहा है। प्रयागराज में 10 जून को हुए हंगामे के बाद जावेद पंप के घर बुलडोजर चलने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। योगी सरकार पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि अगर इसी तरह बुलडोजर चलवाकर लोगों को सजा देनी है तो कोर्ट, कचहरी बंद कर दी जाए। फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट को सलाह दी है।

फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने ट्विटर पर लिखा कि “सुप्रीम कोर्ट/हाईकोर्ट आपको बुलडोजर से किसी जावेद या असलम का घर नहीं बचाना है। अपनी साख , विश्वसनीयता , प्रतिष्ठा और हज़ारों बीघा में बनी अपनी इमारतों को बचाना है। कहीं ये विशालकाय इमारतें सिर्फ़ मेमोरियल बन कर ना रह जाएं।” विनोद कापड़ी के इस ट्वीट पर तमाम लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

पंकज पटेल ने लिखा कि ‘बुलडोजर चलने से पत्थरबाज और उनके समर्थक इकोसिस्टम नाराज क्यों हैं भाई। उन्हें तो धन्यवाद करना चाहिए कि मलबे में उन्हें और पत्थर मुफ़्त में दिए गए हैं।’ अभिषेक जैन ने लिखा कि ‘कृपया जज बनने की कोशिश न करें, कहीं कोर्ट के अवमानना का केस बन गया और जेल जाना पड़ गया तो दिक्कत हो जाएगी।’ दिनेश नाम के यूजर ने लिखा कि ‘सुप्रीम कोर्ट/हाईकोर्ट से निवेदन है कि ये जो पत्थरबाजों और सार्वजनिक संम्पति को नुकसान पहुंचाने वालों के समर्थन में ट्विटर पर ज्ञान दे रहे हैं, इन पर भी कठोर कार्यवाही करने का कष्ट करें।’

रत्नेश मिश्रा नाम के यूजर ने लिखा कि ‘जावेद और असलम को बताओ पत्थरबाजी छोड़ दें। कोई दिक्कत नहीं होगी।’ चंदन कुमार भारद्वाज ने लिखा कि ‘अब इन लोगों को सुप्रीम कोर्ट की याद आ रही है। उस समय याद क्यों नहीं आया, जब शाहिन बाग में रास्ते को जाम कर रखा था,उस समय तो माननीय न्यायालय का कितनी इज्जत की गई थी, पूरा देश जानता है।’ शाबान अली ने लिखा कि ‘जिन्दगी लग जाती हैं एक घर बनाने में, लेकिन इन्हें शर्म नहीं आती बुलडोजर चलाने में।’

आकिब खान ने लिखा कि ‘पिछले 8 सालों से तो यही हो रहा है जो सरकार के साथ है सिर्फ़ उसकी बात ही न्यायालय भी सुनता है, वरना तुम मुजरिम हो क्योंकि ये मुख्यमंत्री और पुलिस ने तय कर दिया है।’ एक यूजर ने लिखा कि ‘कभी बंगाल में मरते और पलायन करते बहुसंख्यक समुदाय की भी बात कर लिया करो।’ चिराग नाम के यूजर ने लिखा कि ‘अगर जावेद और असलम गुंडागर्दी करेंगे तो उन लोगों के घर तो टूटेंगे ही।’

बता दें कि योगी सरकार लगातार आपराधियों की पहचान होते ही उनके घर अवैध पाए जाने पर बुलडोजर से गिरा रही है। इस पर कुछ लोगों का मानना है कि यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। जावेद पंप के घर पर चले बुलडोजर के बाद अब यह खुलासा हुआ है कि घर जावेद के नाम पर नहीं, बल्कि उनकी पत्नी के नाम पर था। इसको लेकर कोर्ट में एक याचिका भी डाली गई है।