जेएनयू (JNU) में एक बार फिर हिंसक झड़प की खबर सामने आई है। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में लेफ्ट विंग और एबीवीपी के छात्रों के बीच झड़प हुई। जिसमें कुछ छात्रों के घायल हो गए हैं। अब इस मुद्दे पर फिल्ममेकर अशोक पंडित ने ट्विटर पर अपनी राय रखी है।

अशोक पंडित ने लिखा,” मैं भी सोच रहा था की जेएनयू में इतने दिनो से अर्बन नक्सली और टुकड़े टुकड़े गैंग शांत क्यूं हैं? शायद अपनी देश विरोधी हरकतों के लिए राम नवमी का इंतजार कर रहे थे।” उनके इस पोस्ट से ट्विटर पर जंग सी छिड़ गई है।

घौस उल्ला ने लिखा,”मैं भी सोच रहा था कि जेएनयू में इतने दिनों से भगवा धारी और संघी गैंग शांत क्यूं हैं ! शायद अपनी मूस्लिम विरोधी हरकतों के लिए भाजपा सरकार के समर्थना का इंजतार कर रहे थे! ताकि पूरे देश में मूस्लिम समुदाय का नरसंहार करवाकर देश को गृहयुद्ध की आग में झोंक सकें।”

मीणा जी नाम के यूजर ने लिखा,”आप ही तो थे इनको बढ़ावा देने वाले, तभी तो नारे लगे भारत तेरे टुकड़े इंशाअल्ला इंशाअल्ला और भारतीय सेना को रेपिस्ट कहने वाले अफजल गुरु की बर्शी मनाने वाले कहते हैं कि लोगतंत्र खतरे में है।” इसके साथ ही मीणा ने जेएनयू को बैन करने की अपील भी की है।

मनीष ओझा ने लिखा,”जेएनयू में है क्या? बस गुंडागर्दी, देश विरोधी लोग, ना प्लेसमेंट ना नौकरी। ग्रेजुएशन करो, राजनीति करो, झोला लटकाओ खुद को बुद्धिजीवी समझो। बिना नौकरी वाले बुद्धिजीवी। क्या यूनिवर्सिटी है?”

शिक्षा उदय ने लिखा,”नहीं जी केजरीवाल सही समय परउन्हें एक्टिवेट करता है। जब पब्लिक डोमेन में केजरीवाल की थू थू हो रही थी तो जेएनयू करो। करौली भी थम गया और केजरीवाल की थू थू भी थम गई।” अनवेश सिंह ने लिखा,”सच में सर जेएनयू ने किया? अच्छा है सर आप जैसे लोग इतना श्रीराम का नाम लेते हैं, उनसे कुछ सीख भी लिया होता तो ऐसी बात ना करते। जय श्रीराम।”

एसाकी ट्वीट नाम के यूजर ने लिखा,”क्या आप लोगों को विभाजित करने के बजाय एकीकृत करने के लिए एक भी ट्वीट नहीं कर सकते हैं?” विनीत कुमार ने लिखा,”नवरात्रि के पूरे 8 दिन JNU के कावेरी छात्रावास में मांसाहार भोजन बनने का विरोध किसी विद्यार्थी ने नहीं किया और नौवे दिन मांसाहार का विरोध? वाह! वामी इतना फर्जी झूठ बोलने की हिम्मत लाते कहां से हो?”

बता दें कि जेएनयू के कावेरी हॉस्टल में रामनवमी की पूजा के बाद विवाद हुआ था। एबीवीपी के छात्रों ने रामनवमी के मौके पर हॉस्टल परिसर में ही पूजा रखी थी। पूजा होने के बाद छात्रों के दो गुटों के बीच भिड़ंत हो गई।