नए कृषि बिलों को लेकर देश की राजनीति गरमाई हुई है। पंजाब के किसान कृषि बिलों के विरोध में दिल्ली तक आ गए हैं। नए कृषि बिलों को लेकर विभिन्न राजनीतिक पार्टियां भी केंद्र सरकार पर निशाना साध रही हैं। बॉलीवुड फिल्ममेकर अशोक पंडित ने एक वीडियो शेयर करते हुए इस आंदोलन पर सवाल उठाए हैं।
अशोक पंडित ने ट्वीट करते हुए लिखा है,’हमने इंदिरा को ठोक दिया तो मोदी क्या चीज़ है! एक तथाकथित किसान जो इंदिरा गांधी को मारने पर गर्व महसूस कर रहा है,कह रहा है मोदी के साथ यह करना उनके लिए मुश्किल नहीं है। क्या इस आंदोलन के पीछे खालिस्तानी और आईएसआई है? जांच एजेंसियों को तुरंत एक्शन में आना चाहिए।’ अशोक पंडित के इस ट्वीट पर यूजर्स की तरह-तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं।
राहुल यादव नाम के एक यूजर ने लिखा है,’मैं पानीपत से इस आंदोलन को कवर कर रहा हूं, एक किसान के बयान पर समूचे किसान आंदोलन को देशविरोधी और सभी किसानों को खालिस्तानी कह देना ठीक वैसी ही बात है कि एक प्रज्ञा ठाकुर के गोडसे को देशभक्त कहने वाले बयान को समूची भाजपा का विचार माना जाए।’
“हमने इंदिरा को ठोक दिया तो मोदी क्या चीज़ है “ !
A so called farmer who is proud of killing Indira Gandhi says it’s not difficult for them to do the same to Modi.
Is this agitation backed by #Khalistani’s & ISI ?
Investigating agencies should immediately get into action. pic.twitter.com/kmkZNjTAYQ— Ashoke Pandit (@ashokepandit) November 27, 2020
सुरेश पटवा नाम के यूजर ने लिखा है,’जैसे भिंडरवाला को कांग्रेस ने खड़ा किया उसका अंजाम भी देखा कांग्रेस ने,आज कांग्रेस ने यह आंदोलन खड़ा किया है उसकी शुरुआत इस वीडियो में दिख रही है अंजाम भी आंदोलन खड़े करने वालों को भुगतना पड़ेगा।’ वरुण सिंह नाम के एक यूजर ने लिखा है,’ किस तरह से ये किसान लग रहे हैं? ऐसे भाषा का इस्तेमाल कोई किसान कर ही नहीं सकता। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, कांग्रेस वालों इन जैसों को समर्थन देने से पहले सोच लेना।’ एक अन्य यूजर ने लिखा है,’ ये किसान नहीं खालिस्तानी लग रहे हैं, इस आंदोलन की जांच होनी चाहिए।’
एक अन्य यूजर ने लिखा है,’आज से एक वर्ष पूर्व जो लोग सीएए के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे थे कि इससे लोगों की नागरिकता चली जाएगी,आज वही किसानों को भड़का रहे हैं कि इन अध्यादेशों के बाद एमएसपी खत्म हो जाएगा। वही रवीश कुमार, स्वरा भास्कर, योगेंद्र यादव,कांग्रेसी,वामपंथी, अर्नब नक्सल,कुणाल कामरा केवल भीड़ बदली है।’