आरती सक्सेना

कोरोना महामारी के दौरान बंद हुए सिनेमाघरों के चलते फिल्मों का जो ढेर लग गया था, अब वह फिल्म निर्माताओं के लिए मुश्किल का सबब बन गया है। हर निर्माता चाहता है कि उसकी फिल्म के सामने कोई दूसरी फिल्म रिलीज न हो ताकि कारोबार बंटे नहीं। मगर फिल्मों की संख्या ज्यादा है। लिहाजा न चाहते हुए भी दो या उससे ज्यादा फिल्में एक ही दिन रिलीज होंगी। इससे निपटने के लिए निर्माताओं को अपनी फिल्म के प्रदर्शन की तारीख में लगातार फेरबदल करना पड़ रहा है।

सूर्यवंशी’ के प्रदर्शन के बाद लगा था कि बालीवुड में अब सब कुछ सामान्य हो जाएगा। फिल्म कारोबार के तीनों अंग-निर्माण, वितरण और प्रदर्शन-सुचारू रूप से अपना काम करने लगेंगे और बालीवुड कोरोना महामारी के आने से पहले की गति से दौड़ने लगेगा। मगर कोरोना महामारी के कारण सिनेमाघरों के बंद होने के बाद निर्माता अपनी फिल्मों का प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे। सिनेमाघर खुले, मगर आधी क्षमता के साथ।

बड़े बजट की फिल्मों के निर्माताओं ने तब भी अपनी फिल्मों का प्रदर्शन नहीं किया क्योंकि उन्हें डर था कि दर्शक सिनेमाघरों तक नहीं आएंगे और फिल्म की लागत निकालना मुश्किल हो जाएगा। बड़े बजट की ढेर सारी फिल्मों के सामने अब सही समय पर बिना किसी दूसरी बड़ी फिल्म से टकराए प्रदर्शन की चुनौती है। इस कारोबार के अनुभवी निर्माताओं ने ऐसे मौके पर हमेशा बातचीत के जरिए फिल्मों का टकराव टाला है, लिहाजा इस समय भी बातचीत के दौर चल रहे हैं। टकराव की स्थिति से बचने के लिए फिल्मों की रिलीज की तारीखों में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है। ‘सूर्यवंशी’ के ठीकठाक कारोबार से बालीवुड में उम्मीदें जागीं थी कि आधी क्षमता के कारोबार के बावजूद फिल्म को दर्शकों का समर्थन मिला।
आलिया का इंतजार बढ़ा
अगले साल की शुरुआत संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ के प्रदर्शन से तय थी। संजय लीला भंसाली की इस फिल्म में आलिया भट्ट की प्रमुख भूमिका है। आलिया के साथ दर्शकों को भी अब इसे देखने के लिए इंतजार करना पड़ेगा क्योंकि इसके प्रदर्शन की नई तारीख 18 फरवरी हो गई है। भंसाली ने बातचीत के बाद अपनी फिल्म की रिलीज आगे बढ़ाई क्योंकि 14 फरवरी को ‘बाहुबली’ फेम प्रभास की 350 करोड़ लागत की फिल्म ‘राधेश्याम’ की रिलीज तय हो गई है। ‘राधेश्याम’ टी सीरीज ने दक्षिण के तीन निर्माताओं के साथ मिलकर बनाई है। माना यह भी जा रहा है ‘बाहुबली’ के निर्देशक एसएस राजमौलि की फिल्म ‘आरआरआर’ भी जनवरी में रिलीज हो सकती है, इसलिए भंसाली को अपनी फिल्म 18 फरवरी को रिलीज करनी पड़ रही है।
क्रिसमस से बैशाखी पर आए आमिर
आमिर खान की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ इसी साल क्रिसमस पर रिलीज होनी थी, मगर क्रिसमस पर विश्वकप क्रिकेट की पृष्ठभूमि पर बनी ‘83’ रिलीज हो रही है और ‘लाल सिंह चड्ढा’ अब बैशाखी पर सामने आएंगे। आमिर खान की यह फिल्म हॉलीवुड की मशहूर फिल्म ‘फारेस्ट गंप’ की रीमेक है। ऐसा नहीं है कि सुरक्षित रिलीज को लेकर दूसरे निर्माता चिंतित नहीं हैं और प्रदर्शन की तारीखों में फेरबदल नहीं कर रहे हैं। बड़े बजट की ढेर सारी फिल्मों के निर्मातों के सामने यह परेशानी है। कोई भी नहीं चाहता कि उसकी फिल्म के साथ दो-तीन फिल्में रिलीज हों। मगर साल में सिर्फ 52 हफ्ते होते हैं। इस समय मध्यम और औसत बजट की लगभग सौ फिल्में ऐसी हैं जो निर्माण के अंतिम चरण में हैं।
सावधानी के बावजूद टकराव
भारी भरकम लागत की फिल्मों के निर्माता पूरी सावधानी बरत रहे हैं कि ऐसा कोई निर्णय न लें जिससे फिल्म का कारोबार प्रभावित हो। जैसे निर्माता निर्देशक अजय देवगन अपनी फिल्म ‘मेडे’ ( जिसका शीर्षक अब ‘रनवे 34’ है) की रिलीज को लेकर चिंतित हैं। बावजूद इसके उनकी अमिताभ बच्चन की प्रमुख भूमिका वाली ‘रनवे 34’ टाइगर श्राफ की फिल्म ‘हीरोपंती 2’ से टकरा रही है। दोनों फिल्मों का प्रदर्शन ‘लाल सिंह चड्ढा’ के आने के 15 दिन बाद 29 अप्रैल को रखा गया है। आमिर की फिल्म को एक हफ्ते खुला रास्ता दिया गया है। दो हफ्ते तक उसके सामने कोई फिल्म नहीं है। इसका फायदा फिल्म को मिलेगा।
ओटीटी चुनौती नहीं
‘सूर्यवंशी’ को मिली सफलता बताती है कि बालीवुड के लिए ओटीटी प्लेटफार्म उतनी बड़ी चुनौती नहीं हैं जितनी बना दिए गए हैं। रोहित शेट्टी, संजय लीला भंसाली, राजमौलि जैसे निर्देशकों ने बार बार यह बात कही है। चुनौती एक ही है। दर्शकों को सिनेमाघरों तक लाने की। लोकप्रिय सितारों की फिल्म रिलीज पर मल्टीप्लेक्स में टिकटों के बार-बार बढ़ते दाम जरूर समस्या है। मगर अभिनेता सलमान खान कहते हैं कि दाम बढ़ाना निर्माताओं की मजबूरी है क्योंकि निर्माता बीते दो सालों से नुकसान झेल रहे हैं। सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों में आज भी सिनेमा टिकटों के दाम कम हैं। लोग अपनी पसंद की फिल्में वहां भी देख सकते हैं।