अगलगाववादी समूह हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने मृतक सैयद अली शाह गिलानी की जगह पर अब जेल में बंद मसरत आलम भट्ट को अपना नया अध्यक्ष चुना है। बीते साल गिलानी ने एक वीडियो के जरिए हुर्रियत से अलग होने का फैसला किया था। हालांकि हुर्रियत द्वारा इसे स्वीकार नहीं किया गया था और उनकी मौत तक उत्तराधिकारी का नाम भी सामने नहीं लाया गया था। मसरत आलम के अध्यक्ष नियुक्त किये जाने को लेकर अर्णब गोस्वामी के डिबेट शो में भी चर्चा हुई, जहां फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने हुर्रियत व इसके अध्यक्ष को आतंकी बताया।

हुर्रियत के बारे में बात करते हुए फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने कहा, “यह जाहिर सी बात है। हुर्रियत एक आतंकी संगठन है तो इसके अध्यक्ष का भी आतंकी होना जरूरी है। हुर्रियत क्या है? हुर्रियत एक ऐसा आतंकी संगठन है, जिसने लोगों की हत्याएं कीं, महिलाओं का बलात्कार किया, मंदिरों को तोड़ा, शिक्षा संस्थाओं में तोड़फोड़ की।”

फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने इस बारे में बात करते हुए आगे कहा, “इस संगठन ने सुरक्षा बलों को मारा, उनपर पत्थर फेंके। यह एक ऐसा संगठन है, जिसे पाकिस्तान का समर्थन प्राप्त है। ऐसे में उन्हें आतंकी को अपना अध्यक्ष बनाना ही होगा, चाहे वह जेल के अंदर हो या बाहर हो। हम उनके अध्यक्ष नहीं बन सकते हैं।”

अशोक पंडित ने अपने बयान में तालिबान का जिक्र करते हुए कहा, “ऐसा देश जहां आप देख सकते हैं कि शिक्षित लोग, जो लंबे समय से सत्ता में थे, देश चला रहे थे, वह भी तालिबान का समर्थन कर रहे हैं। तो ऐसे देश में जहां लोग खुले तौर पर तालिबान का समर्थन कर रहे हैं, तो उन्हें आतंकी को अपना अध्यक्ष बनाने का भी अधिकार है।”

अशोक पंडित ने हुर्रियत के बारे में आगे कहा, “यह जाहिर सी बात है और हमें इससे हैरान नहीं होना चाहिए। यही वह लोग हैं जिन्होंने कश्मीर को तबाह करके रख दिया। खासकर मसरत आलम वह इंसान है जिसने कश्मीर में मौजूद कई मासूमों की हत्या की हैं। उनके हाथ खून से सने हुए हैं। गिलानी भी आतंकी ही था।”