Kumar Shahani Death: जाने-माने फिल्म निर्देशक और पटकथा लेखक कुमार शाहानी का निधन हो गया है। उन्होंने 83 वर्ष की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उन्हें समानांतर सिनेमा का अग्रणी माना जाता है। वह एक डायरेक्टर के अलावा वह एक एजुकेटर और राइटर भी थे। उन्होंने ‘द शॉक ऑफ डिजायर एंड अदर एसेज’ जैसी किताब लिखी है।
उनकी फिल्में और आर्टिकल्स भविष्य के फिल्म मेकर्स को इंस्पायर करते रहेंगे। साहनी की करीबी दोस्त और अभिनेत्री मीता वशिष्ठ ने बताया कि निर्देशक का कल रात कोलकाता के एक अस्पताल में निधन हो गया। कुमार शाहनी ने निर्मल वर्मा की कहानी पर आधारित ‘माया दर्पण’ बनाई थी। इस फिल्म को नेशनल फिल्म अवॉर्ड भी मिल चुका है। उनके यूं जाने से इंडस्ट्री में गम का माहौल है।
मीता वशिष्ठ ने की पुष्टि
निर्देशक की करीबी दोस्त मीता ने बताया कि “कल रात लगभग 11 बजे कोलकाता के एक अस्पताल में उम्र से जुड़े हेल्थ इश्यूज की वजह से उनका निधन हो गया। वो बीमार थे और उनकी हेल्थ भी बिगड़ रही थी। ये एक बहुत बड़ी व्यक्तिगत क्षति है। हम उनके परिवार के संपर्क में थे। कुमार और मैं खूब बातें करते थे और मुझे पता था कि वो बीमार हैं और अस्पताल जाते रहते हैं।”
कुमार शाहानी को मिल चुका है नेशनल अवॉर्ड
कुमार साहनी का जन्म 7 दिसंबर 1940 को लरकाना में हुआ था। उन्होंने पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट से अपनी ग्रेजुएशन पूरी की। कुमार शाहानी के परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटियां हैं। कुमार साहनी ने 1989 में ख्याल गाथा बनाई थी। वहीं 1997 में कुमार शाहानी ने रवीन्द्रनाथ टैगोर के उपन्यास चार अध्याय पर फिल्म बनाई थी। वे ‘माया दर्पण’, ‘तरंग’, ‘ख्याल गाथा’ और ‘कस्बा’ जैसी फिल्मों के निर्देशक के लिए जाने जाते थे। साहनी ने साल 1972 में हिंदी लेखक निर्मल वर्मा की शॉर्ट स्टोरी पर आधारित फिल्म ‘माया दर्पण’ से इंडस्ट्री में कदम रखा था। निर्मल वर्मा की कहानी पर आधारित कुमार शाहानी की ‘माया दर्पण’ ने हिंदी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था। साल 2004 के बाद उन्होंने फिल्में बनाना छोड़कर लिखने-पढ़ाने का काम शुरू किया।