डायरेक्टर – सोनू सूद
कास्ट – सोनू सूद, जैकलीन फर्नांडिस, विजय राज, नसीरुद्दीन शाह, दिब्येंदु भट्टाचार्य, प्रकाश बेलावादी, शिव ज्योति राजपूत और अन्य
रेटिंग – 3/5

आज के समय में टेक्नोलॉजी का जितना फायदा है उतना ही उसका नुकसान भी है। बस फर्क ये है कि आप इसका इस्तेमाल कैसे करना चाहते हैं। साइबर ठगी के मामले अक्सर सुनने के लिए मिल जाते हैं। कभी ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार होते हैं तो कभी एटीएम से ओटीपी शेयर करके ठगी के मामले सामने आते हैं। आज कल इस ठगी का दायरा काफी बढ़ गया और एक नया शब्द सुनने के लिए मिलता है वो है- ‘डिजिटल अरेस्ट’। ये किसी भी तरीके से किया जा सकता है फिर नौकरी के नाम पर या फिर लोन के नाम पर। आपको फ्रॉड ऐप से एक लिंक भेजा जाता है और आप उस लिंक पर क्लिक करके डिजिटल अरेस्ट हो जाते हैं। कुछ इसी तरह के विषय पर आधारित फिल्म ‘फतेह’ है, जो कि सोनू सूद लेकर आए हैं।

सोनू सूद की फिल्म ‘फतेह’ सिनेमाघरों में रिलीज कर दी गई है। इसे 10 जनवरी, 2025 को रिलीज किया गया। इस मूवी में उन्होंने ना केवल एक्टिंग की है बल्कि डायरेक्शन में भी किस्मत आजमाई है, जिसमें वो काफी हद तक सफल दिख रहे हैं। फिल्म का सब्जेक्ट काफी दमदार है, जो कि हर आदमी को इससे जोड़ता है। ‘फतेह’ केवल सोनू सूद की मूवी नहीं है बल्कि हर नागरिक की कहानी है, जिससे कहीं ना कहीं हर कोई जूझ रहा है। आज के समय में कोई भी इंटरनेट की दुनिया से अछूता नहीं है। ऐसे में इंटरनेट की दुनिया ने सभी की जिंदगी को बांधकर रख दिया है। सोनू सूद ‘फतेह’ के जरिए ऑनलाइन होने वाली ठगी के बारे में बताते हैं कि कैसे ये तेजी से फैल रहा है और कैसे इसे अलग-अलग तरीकों से अंजाम दिया जा सकता है। वो इसे रोकने के लिए अथक प्रयास करते हैं ताकि लोग अपनी जान ने गवां सकें। ऐसे में चलिए बताते हैं एक्टिंग समेत फिल्म के बारे में…

कैसी है कहानी?

सोनू सूद की फिल्म ‘फतेह’ की कहानी की शुरुआत एक्शन से होती है लेकिन, बाद में ये कहानी फ्लैशबैक में चली जाती है। जहां पर फतेह सिंह यानि कि सोनू सूद रहते हैं। वैसे तो उनकी कोई फैमिली नहीं होती है लेकिन गांव ही उनकी फैमिली होती है। कहानी पंजाब का गांव मोगा से शुरू होती है, जहां पर लोग अपने सपनों को उड़ान देने के लिए छोटे-मोटे काम करते हैं। तमाम दिक्कतों के होने के बाद भी वो खेती किसानी और मजदूरी करके घर चलाते हैं। इसी बीच लालच दिया जाता है और लोगों को बड़े सपने दिखाए जाते हैं, जिसकी गिरफ्त में लोग आ भी जाते हैं। इसका शिकार होकर कुछ आत्महत्या करने को मजबूर हो जाते हैं तो किसी जिंदगी अस्त-व्यस्त हो जाती है। अब इसके खिलाफ सोनू सूद खड़े होते हैं और लड़ाई लड़ते हैं। इसी बीच एक्शन से लेकर इमोशन्स तक भरपूर देखने के लिए मिलता है। फिल्म की कहानी दिलचस्प है, जो कि करंट सिनारियो से आपको कनेक्ट करती है।

सोनू सूद ने डायरेक्शन में किया है डेब्यू

आपको बता दें कि ‘फतेह’ से सोनू सूद ने डायरेक्शन में डेब्यू किया है। बतौर डायरेक्टर ये उनकी पहली फिल्म है। काफी हद तक वो अपनी फिल्म के जरिए कहानी को कहने में सफल होते हैं लेकिन, इसका स्क्रीनप्ले स्लो होने की वजह से ये आपको उबाऊ सी लगेगी लेकिन, बीच-बीच में सोनू सूद का एक्शन फिल्म की कड़ी में जान डालता है। उन्होंने फिल्म के बाकी कैरेक्टर्स को भी अच्छे से दिखाया है। लेकिन, इसकी कहानी उनके इर्द-गिर्द ही घूमती है। पहली फिल्म के जरिए उनकी डायरेक्शन अच्छा कहा जा सकता है।

जबरदस्त है सोनू सूद का एक्शन, जानें बाकी स्टार्स की एक्टिंग

‘फतेह’ में अगर सोनू सूद की एक्टिंग की बात की जाए तो इसमें उनका कमाल का ट्रांसफॉर्मेशन देखने के लिए मिल रहा है। उन्होंने अपने किरदार के साथ पूरी तरह से न्याय किया है। फतेह सिंह के रोल में वो काफी जंचते हैं। वहीं, फिल्म में उनके अलावा एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडिस, विजय राज और नसीरुद्दीन शाह हैं। नसीरुद्दीन फिल्म के मेन विलेन होते हैं, जिन्होंने रेजा का किरदार प्ले किया है। इसके अलावा विजय राज ने अपने अभिनय के जरिए दर्शकों का दिल जीत लिया है। उनका किरदार फिल्म में सत्य प्रकाश का होता है, जो कि नसीरुद्दीन के बाशिंदे होते हैं। सभी की एक्टिंग अच्छी है और अपने किरदार के लिहाज से अच्छा काम किया है।

फिल्म के गाने और बैकग्राउंड म्यूजिक

इसके साथ ही अगर ‘फतेह’ के गाने और बैकग्राउंड म्यूजिक की बात की जाए तो ये फिल्म कमाल की है। इसमें एक कड़ी ऐसी आती है जब बी प्राक की आवाज में गाना बजता है। वो इस फिल्म की बेहद ही इमोशनल सीन होते है। ये आपको थोड़ी देर के लिए इमोशनल कर देता है। फिल्म की हर कड़ी का बैकग्राउंड स्कोर कमाल का है, जो आपको सीन से कनेक्ट करता है और उस कड़ी को मजबूत बनाता है। ये एक अच्छा अनुभव है।

फिल्म देखें या नहीं

इसके अलावा अगर ‘फतेह’ के बारे में बात की जाए कि इसे देखना चाहिए या नहीं। तो आपको हम यही कहना चाहेंगे कि बिल्कुल देखना चाहिए। ये वन टाइम वॉच है। इसका सब्जेक्ट काफी अच्छा है, जो कहीं ना कहीं आपकी जिंदगी से जोड़ता है। फिल्म में एक्शन, ड्रामा के साथ एक्शन है। इसके साथ ही सोनू सूद की ये पहली डायरेक्टोरियल मूवी है तो आपने उन्हें सपोर्टिंग एक्टर, विलेन के रूप में देखा है। लेकिन, अब बतौर लीड एक्टर के साथ उनके डायरेक्शन की स्किल भी देखना अलग अनुभव होगा।