कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के प्रति देश के कई नामी गिरामी लोगों ने अपना समर्थन जताया है। इसी बीच कुछ विदेशी पर्सनैलिटीज ने भी किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया। पॉप गायिका रिहाना, पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग, एडल्ट स्टार रह चुकीं मिया खलीफा जैसे लोगों ने ट्वीट कर कहा कि किसान आंदोलन पर हमें बात करनी चाहिए। किसान आंदोलन पर इन हस्तियों के बोलने से भारत का एक वर्ग नाराज़ हो गया और इस मसले को भारत का आंतरिक मामला बताते हुए ट्विटर पर ट्वीट किया जाने लगा।
बॉलीवुड और क्रिकेट जगत के कई बड़े सितारों ने ट्वीट कर कहा कि विदेशी लोगों के भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने का हक नहीं है, वो प्रोपेगेंडा फैला रहे हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय भी सक्रिय हुआ और एक बयान जारी कर कहा गया कि ये विदेशी प्रोपेगेंडा है। इन्हीं सभी घटनाक्रमों पर वरिष्ठ पत्रकार और एनडीटीवी के सीनियर एक्जीक्यूटिव एडिटर रवीश कुमार ने तंज कसा और कहा कि वो रिहाना को इससे पहले नहीं जानते थे।
उन्होंने अपने प्राइम टाइम शो में कहा, ‘किसान आंदोलन को कवर करने के लिए केवल किसानों को जानना जरूरी नहीं है, कीलों, कंटीली तारों के बारे में जानना जरूरी नहीं है, रिहाना के बारे में भी जानना जरूरी है। कसमों में श्रेष्ठ कसम, विद्या कसम खाकर कहता हूं कि मैं रियाना के बारे में नहीं जानता था।’
रवीश कुमार ने आगे कहा, ‘उनका नाम रिहाना नहीं रियाना है। अंग्रेज़ी नाम के कारण, उर्दू में भटक गया। रियाना है, रिहाना नहीं। रिहाना होती तो पक्का एफआईआर हो गई होती।’ रिहाना के ट्वीट के बाद भारत में एक वर्ग जिस तरह से अपनी प्रतिक्रिया दे रहा था उस पर भी रवीश कुमार ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि इतने बड़े स्टार को गाली देने से तो भारत को ग्लोबल छवि खराब नहीं होती होगी।
उन्होंने कहा कहा, ‘अच्छी बात है रिहाना हिंदी नहीं समझती। लोग रिहाना को बता रहे हैं कि तुम जानती नहीं हो किनके बारे में बोल रही हो, ये आतंकवादी हैं। अपने ही किसान को आतंकवादी बताकर भाई लोग ग्लोबल छवि ठीक कर रहे हैं।’
आपको बता दें कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसान यह मांग कर रहे हैं कि MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को कानूनी जामा पहनाया जाए और तीनों कृषि कानूनों को सरकार वापस लें। आंदोलन को तेज करने के लिए जगह- जगह महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है।
कल हरियाणा के बहादुरगढ़ में महापंचायत का आयोजन किया गया था जहां किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि वो आंदोलन को पूरे देश में लेकर जाएंगे। उनका कहना था कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात में भी अपना आंदोलन मजबूत करेंगे।