किसान नेता राकेश टिकैत आजकल राजस्थान के अलग- अलग जगहों पर आयोजित किसान महापंचायत में हिस्सा ले रहे हैं और किसानों को संगठित करने का काम कर रहे हैं। किसान महापंचायतों के दौरान राकेश टिकैत सरकार पर लगातार हमलावर रहे हैं और उनकी भाषा काफी आक्रामक दिखी है। हाल ही में राजस्थान के नागौर में आयोजित किसान महापंचायत के दौरान राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली की संसद किसानों की नई मंडी है और यहीं किसान अपनी फसल को ले जाएं ताकि उनकी फसल एमएसपी पर बिक सके। किसानों को उनकी फसल का आधा रेट मिल रहा है इसलिए किसान अपनी फसल वहीं ले जाए जहां कृषि कानूनों को पास किया गया।
राकेश टिकैत मीडिया से भी लगातार बातचीत करते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने न्यूज 24 से बात की और कहा कि भले हो वो दिल्ली में नहीं हैं लेकिन दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसान को कोई हटा नहीं सकता है। वो बोले, ‘इनकी हिम्मत नहीं है कि वो किसानों की तरफ़ आंख उठाकर भी देख लें। बॉर्डर पर हम हैं या नहीं हैं, ये जनता का आंदोलन है। इस तरह का काम गलती भी से न कर दे सरकार।’
जब उनसे पूछा गया कि क्या इस बात को उनकी धमकी समझी जाए तो उनका जवाब था, ‘हां, धमकी है। इसे धमकी मान लिया जाए। जो भी ये काम करेगा, उसका इलाज करेंगे किसान। इसे धमकी मान लो।’
जब उनसे कहा गया कि सरकार तो कह रही है कि भीड़ जमा करने से कृषि कानून वापस नहीं होंगे तो उनका जवाब था, ‘गद्दाफी हैं क्या ये सरकार वाले? जहां- जहां दुनिया में भीड़ जमा हुई है, तख्ता पलट हुई है। लेकिन हमने तख्ता पलट की तो बात कही नहीं। हमने तो कहा कि बस कानून बदल दो।’
राकेश टिकैत ने कहा कि वो राजनीति में नहीं पड़ना चाहते बल्कि किसानों, मजदूरों और युवाओं की बात रखना चाहते हैं। राकेश टिकैत ने महंगाई पर बात करते हुए कहा, ‘गैस का सिलिंडर सस्ता हुआ या महंगा हुआ, वोट अपना उसी हिसाब से दो। ये तो जनता अपने आप कर रही है, हमारे कहने से कोई वोट क्यों देने लगा? ये तो जनता अपने आप देगी जिसको देना हो।’