साल 1991 में आई फिल्म ‘लम्हें’ को लोगों ने काफी पसंद किया था। यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी इस मूवी में अनिल कपूर, दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी और अनुपम खेर समेत कई स्टार्स नजर आए थे। वहीं, उस समय इस फिल्म के साथ अभिनेता-निर्माता फरहान अख्तर ने सिनेमैटोग्राफर मनमोहन सिंह के असिस्टेंट के तौर पर काम करते हुए अपना करियर शुरू किया था।
अब हाल ही में एक्टर ने एक इंटरव्यू दिया है, जिसमें उन्होंने बात करते हुए इस मूवी से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा शेयर किया। फरहान अख्तर ने बताया कि सेट पर शूटिंग के दौरान श्रीदेवी फिसलकर गिर गई थीं और उस समय उन्हें लगा कि उनका करियर शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया, लेकिन फिर जब एक्ट्रेस उठीं और उन्होंने जो कहा उसे सुनकर उन्होंने राहत की सांस ली।
फिसलकर गिर गईं थीं श्रीदेवी
दरअसल, फरहान अख्तर हाल ही में आप की अदालत शो का हिस्सा बने, जहां उन्होंने पर्सनल-प्रोफेशनल लाइफ से जुड़ी काफी सारी बातें शेयर की। इस दौरान जब उनसे इस घटना के बारे में पूछा गया, तो फरहान ने कहा, “मैं कौन होता हूं श्रीदेवी को गिराने वाला।” फिर उन्होंने बताया कि असल में क्या हुआ था, एक्टर ने कहा, “दुर्भाग्य से ऐसा एक एक्सीडेंट हुआ था। मैं ‘लम्हें’ में मन जी (मनमोहन सिंह) का सातवां या आठवां असिस्टेंट था। यह एक टिपिकल यश चोपड़ा सेटअप था, सरोज जी (कोरियोग्राफर सरोज खान) द्वारा कोरियोग्राफ किया गया एक हाई एनर्जी डांस सीक्वेंस।
सीन था कि श्रीदेवी को कुछ बुरी खबर सुनने के बाद डांस के जरिए अपना गुस्सा और दर्द जाहिर करना था। फाइनल क्रेन शॉट होना था। जब श्रीदेवी रिहर्सल कर रही थीं, तो मनमोहन सिंह फ्रेम चेक कर रहे थे, उन्होंने लकड़ी के फर्श पर एक दाग देखा। उन्होंने किसी को उसे साफ करने के लिए कहा और क्योंकि मैं सबसे करीब था, तो मैं ही उसे पोंछने के लिए भागा।”
फरहान ने आगे बताया कि जल्दबाजी में उन्होंने श्रीदेवी को आते हुए नहीं देखा। एक्टर ने कहा, “मैं नीचे झुककर दाग साफ कर रहा था और मन जी के साथ कोऑर्डिनेट कर रहा था, तभी वह आईं और फिसलकर और गिर गईं। मुझे आज भी वह सब स्लो मोशन में याद है… श्रीदेवी हवा में उड़ते हुए और जमीन पर गिरती हुईं। पूरा सेट पर सन्नाटा हो गया था। मैंने सोचा बस हो गया मेरा करियर खत्म।”
श्रीदेवी ने कही थी ये बात
एक्टर ने आगे बताया, “लेकिन गुस्सा करने के बजाय श्रीदेवी ने इसे हंसकर टाल दिया। वह बस मुस्कुराई और बोलीं कि कोई बात नहीं, ऐसा होता है।” यह सुनकर वहां मौजूद सभी लोग हंसने लगे। फिर जाकर मैंने चैन की सांस ली।”
