फिल्ममेकर-कोरियोग्राफर फराह खान ने हाल ही में बाबा रामदेव के आश्रम की झलक अपने यूट्यूब शो के ज़रिए दिखाई। अपने कुक दिलीप के साथ फराह हरिद्वार स्थित पतंजलि कैंपस पहुँचीं, जहाँ बाबा रामदेव ने उन्हें अपनी विशेष झोपड़ी (जोधपुर के पत्थरों से बनी हुई) दिखाई और पूरा परिसर घुमाया।
वीडियो की शुरुआत फराह ने यह कहते हुए की – “हम बाबा रामदेव जी से मिलने आए हैं। हम उनके घर आए हैं लेकिन इसे घर कहना गलत होगा, यह तो शाही महल जैसा है।”
रामदेव ने जवाब दिया- “जैसे महात्मा गांधी का साबरमती आश्रम था, वैसे ही यह मेरी तपस्वी कुटिया है। लोगों के लिए मैंने महल जैसा बनाया है, लेकिन मैं आज भी झोपड़ी में रहता हूं।”
फराह ने हंसी-मज़ाक में उनकी तुलना सलमान खान से की, जो खुद सादगी से रहते हैं लेकिन दूसरों के लिए बड़े-बड़े घर बनाते हैं। रामदेव ने उन्हें अपनी पुरानी और नई झोपड़ी दिखाई और बताया कि यह जोधपुर के पत्थरों से बनी है, इसमें कोई केमिकल इस्तेमाल नहीं किया गया है। फराह ने मज़ाक में कहा- “बाबा, मुझे भी ऐसी झोपड़ी गिफ्ट कर दो।”
झोपड़ी के अंदर चंदन जैसी खुशबू थी। जब फराह ने ‘दारु’ सुनकर शराब समझा तो रामदेव ने स्पष्ट किया कि यह देवदारु लकड़ी से आती है। उन्होंने अपना सबसे कीमती सामान भी दिखाया- एक कमंडल, जिसकी कीमत एक लाख रुपये है। फराह ने चुटकी लेते हुए कहा- “अमीषा पटेल, यह वही बैग है जो तुम्हें लेना चाहिए।”
रामदेव के पास शानदार बेडरूम है मगर उन्होंने बताया कि वह पिछले 30 सालों से ज़मीन पर चटाई बिछाकर ही सोते हैं। उन्होंने कहा- “मैं 14 साल की उम्र में गुरुकुल आया था और तभी से साधारण जीवन ही जी रहा हूं।”
फराह को उन्होंने एक निजी शिव पूजा कक्ष भी दिखाया, जहाँ उन्होंने संस्कृत श्लोक का उच्चारण किया। फराह भावुक होकर बोलीं- “आपने तो मुझे गूजबम्प्स दे दिए! अगर मैं इंडियन आइडल जज करती, तो कहती- ‘आप मुंबई आ रहे हैं।’”
आगे बाबा ने उन्हें बगीचा, फूल, गौशाला और विशाल पतंजलि संस्थान घुमाया। गौशाला तक वह उन्हें अपनी एक करोड़ की डिफेंडर गाड़ी में ले गए।
रामदेव ने अपने स्कूल के बारे में भी बताया- “3 से 15 साल तक के बच्चे यहाँ पढ़ते हैं। यह संस्कृत माध्यम स्कूल है, जहाँ 10 भाषाएँ पढ़ाई जाती हैं, जिनमें फ्रेंच और मंदारिन भी शामिल हैं।”
इसके बाद फराह को उस विशाल रसोईघर में ले जाया गया जहाँ रोज़ाना लगभग 50,000 लोगों के लिए भोजन बनता है। बाबा ने खास सात्विक रेसिपी ATM (एलोवेरा, हल्दी और मेथी से बनी) खुद बनाकर फराह को खिलाई। फराह ने चखा तो बोलीं- “स्वाद अच्छा है लेकिन बहुत कड़वा है। मैं इसे दवा मानकर खाऊँगी। क्या इससे मैं सुंदर हो जाऊँगी?” इस पर बाबा ने वादा किया- ”100 साल तक।” फराह ने हंसते हुए जवाब दिया- “तो फिर मैं इसे रोज़ खाऊँगी!”