मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है। दिल्ली के बॉर्डर पर बीते नौ महीनों से डटे होने के बाद अब किसान रविवार को मुजफ्फरनगर में महापंचायत कर रहे हैं, जिसकी शुरुआत भी हो चुकी है। किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे एसकेएस का कहना है कि महापंचायत से साबित हो जाएगा कि आंदोलन को सभी जाति, धर्म, राज्य व व्यापारियों का समर्थन प्राप्त है। महापंचायत से जुड़े कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं, जिसमें भारी मात्रा में लोग मौजूद नजर आ रहे हैं।
महापंचायत से जुड़े एक वीडियो को पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने भी अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया। वीडियो को साझा करते हुए पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा, “ये सुनामी है, भीषण भूकंप की आहट है। मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत।” पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह के ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर ने भी खूब कमेंट किये।
आला नाम के यूजर ने लिखा, “सब याद रखा जाएगा। ना भूले हैं, न भूलने देंगे। हिसाब होगा इन आंसुओं का।” रवि सिसोदिया नाम के यूजर ने सूर्य प्रताप सिंह के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, “ये वो किसानों का जन सैलाब है, जो अहंकारी सत्ता को बहा ले जाएगा।” केके शुक्ला नाम के यूजर ने लिखा, “विदाई तय है।”
हुसैन नकवी नाम के यूजर ने लिखा, “अगर साहब 1947 के बाद के प्रधानमंत्री होते, तब यह क्या बेचते और देश कैसे चलाते? तब तो धीरू भाई अंबानी, अडानी और मेहुल चौकसी भी नहीं थे।” ज्योति सिंह नाम के यूजर ने लिखा, “अन्नदाता ही अंधभक्तों को जड़ से मिटाएंगे।” बता दें कि पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने किसान आंदोलन से जुड़ा एक और वीडियो साझा किया था, जिसमें लोग नाचते-गाते नजर आ रहे थे।
किसान आंदोलन की अगुवाई करने वाले एसकेएम ने अपने एक बयान में कहा था, “पांच सितंबर की महापंचायत योगी-मोदी सरकार को किसानों, खेत मजदूरों और कृषि आंदोलन के समर्थकों की शक्ति का एहसास कराएगी।” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर महापंचायत पिछले नौ महीनों की अब तक की सबसे बड़ी महापंचायत होगी।