बॉलीवुड के ट्रेजेडी किंग कहे जाने वाले एक्टर दिलीप कुमार (Dilip Kumar) आज भले ही इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन, वो आज भी लोगों की यादों में जीवित हैं। उन्होंने 98 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया था। उनकी फिल्म इंडस्ट्री के सर्वश्रेष्ठ अभिनेताओं में गिनती होती है। जब भी इंडियन सिनेमा के बेहतरीन एक्टर्स की चर्चा होती है तो उनकी गिनती पहले नंबर पर होती है। उन्हें दुनिया को छोड़े हुए 3 साल हो गए हैं। उनका निधन 2021 में हो गया था। वो भले ही इंडस्ट्री के बड़े एक्टर थे लेकिन, जमीन से जुड़े हुए अभिनेता थे। वो जब भी शूटिंग के लिए जाते थे तो किसी फाइव स्टार होटल में नहीं रुकते थे। बल्कि गेस्ट हाउस में रहना पसंद करते थे। इसके बारे में खुद सायरा बानो ने बताया था। उन्होंने कहा था कि उनके साहब जैसा कोई नहीं है। ऐसे में चलिए आपको उनके बारे में बता रहे हैं।

दरअसल, दिलीप कुमार की आज बर्थ एनिवर्सरी है। ऐसे में उनके जन्मदिन के मौके पर आपको अनसुने किस्से के बारे में बता रहे हैं, जिसके बारे में खुद सायरा बानो ने बताया था। सायरा ने बताया था कि एक्टर दिलीप कुमार डाउन टू अर्थ थे। उनके आस-पास लाइटमैन या क्रू मेंबर्स की प्लेट से खाना निकालकर खा लेते थे।

सायरा बानो ने एक बार दैनिक भास्कर से बात करते हुए दिलीप कुमार को लेकर बताया था कि वो भले ही अपने जमाने के सुपरस्टा थे लेकिन, उनकी जीवन शैली बहुत ही साधारण थी। वो देश के अलग-अलग हिस्सों में शूटिंग के लिए जाते थे तो वहां पर वो कभी भी फाइव स्टार या फिर लग्जरी होटल्स में नहीं रुकते थे। बल्कि गेस्ट हाउस में क्रू मेंबर्स और अन्य एक्टर्स के साथ रुकना पसंद करते थे। वो फाइव स्टार होटल के बजाय सरकारी गेस्ट हाउस में रुकने चले जाया करते थे। उनका मानना था कि फाइव स्टार या बड़े होटल में रहकर मुंबई वाला ही फील आएगा। इस माहौल को समझने के लिए वो गेस्ट हाउस चले जाया करते थे। सायरो बानो ने बताया था कि भले ही वहां पर सुविधाओं की कमी थी लेकिन, उन्हें वहीं पर रहना पसंद था।

गाड़ी में रखते थे कपड़ों से भरा सूटकेस

दिलीप कुमार को लेकर सायरो बानो ने बताया था कि वो एक जगह पर कभी भी टिकते ही नहीं थे। वो अपने जमाने के इतने बड़े स्टार थे तो जाहिर है कि हर वक्त किसी ना किसी इवेंट में बिजी रहेंगे। कभी-कभी तो ऐसा होता था कि वो एक दिन चार-चार इवेंट में जाते थे। सायरा ने बताया था कि वो भले ही मुंबई ही क्यों ना जाएं लेकिन, उनके साथ एक कपड़ों से भरा सूटकेस रहता था। क्योंकि उनको एक के बाद एक इवेंट में पहुंचना होता था। वो होटल में ही कपड़े बदल लेते थे। सायरा बताती हैं कि दिलीप कुमार की लाइफ हमेशा से ही हेक्टिक रही है।

इतना ही नहीं, दिलीप कुमार का असली नाम यूसुफ खान था। फिल्मों में आने के बाद एक्टर ने अपना नाम बदल लिया था। वो भले ही बाहर शूटिंग के लिए जाते थे लेकिन, उनको घर का खाना काफी पसंद था। वो घर के खाने के बेहद शौकीन थे। सायरा बताती हैं कि वो ऐसे थे कि अगर उनके घर पर कोई आ जाता था तो वो किसी को बिना खाना खिलाए घर से जाने नहीं देते थे। वो सायरा को बता देते थे कि आज कितने लोगों का लंच होने वाला है।

एक्टिंग ही नहीं, गायिकी में आजमा चुकी हैं किस्मत

दिलीप कुमार अपनी बेहतरीन अदायकी के लिए तो जाने ही जाते हैं। वो स्क्रीन पर शानदार थे। लेकिन, उनके बारे में बहुत कम ही लोग जानते होंगे कि दिलीप कुमार एक्टिंग के साथ-साथ गायिकी में भी किस्मत आजमा चुके हैं। उन्होंने लता मंगेशकर के साथ फिल्म ‘मुसाफिर’ में गाना भी गाया था। उन्हें कविताओं का भी शौक था। उन्हें लिखना भी पसंद था और वो पोएट्री लिखा करते थे। उन्हें मराठी, गुजराती, हिंदी और अंग्रेजी सहित कई भाषाएं जानते थे। सायरा ने बताया था कि कोई भी उनकी मराठी सुनता था तो वो दंग रह जाता था।

दिलीप कुमार की बर्थ एनिवर्सरी पर आपने उनके बारे में ये दिलचस्प बातें तो पढ़ ली है। इसके साथ ही आप उनके बारे में एक और किस्सा पढ़ सकते हैं कि दिलीप और सायरा बानो की शादी में राज कपूर घुटनों के बल चलकर आए थे।