स्वर कोकिला लता मंगेशकर का 6 फरवरी को निधन हो गया था। लता जी को अंतिम विदाई देते हुए हर आंख में आंसू थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर शाहरुख खान और सचिन तेंदुलकर तक तमाम वीवीआईपी उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे। हालांकि इस दौरान दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र दिखाई नहीं दिए। लता मंगेशकर के निधन से शोक में डूबे धर्मेंद्र ने खुद बताया है कि आखिर वो स्वर कोकिला के अंतिम संस्कार में क्यों नहीं जा पाए थे।
धर्मेंद्र ने बताया, “मैं बहुत असहज और परेशान था। मैं दीदी के अंतिम संस्कार के लिए एक बार नहीं बल्कि तीन बार जाने के लिए तैयार हुआ। लेकिन हर बार, मैंने अपने पैर पीछे खींच लिये। मैं उन्हें हमें छोड़कर जाते हुए नहीं देख सकता था। मैं बहुत टूटा हुआ महसूस कर रहा था। धर्मेंद्र ने ई-टाइम्स से बात करते हुए बताया कि वो लता दीदी के के निधन से बेहद परेशान हैं।
धर्मेंद्र ने आगे कहा, “मैं आपको यह भी बताना चाहता हूं कि वह कभी-कभी मुझे तोहफे भी भेजती थीं। काफी प्रेरित करती थीं और मुझसे कहती रहती थीं कि ‘मजबूत रहो’। मुझे याद है कि मैंने एक बार ट्विटर पर एक उदास पोस्ट लिखी थी और उसके तुरंत बाद दीदी ने मुझे फोन किया और पूछा कि क्या मैं ठीक हूं और मुझे खुश करने के लिए मुझसे 30 मिनट तक बातें करती रहीं। अक्सर ही हम 25-30 मिनट तक बाते करते रहते थे। उन्होंने मुझे बहुत प्यार दिया। “
धर्मेंद्र ने आगे कहा, “मैं आपको एक और घटना बताता हूं, जो यह बताएगी कि वह मुझे कितना प्यार करती हैं। एक अवॉर्ड फंक्शन में जब हम मिले तो उन्होंने मेरे साथ पुरानी यादें शेयर करते हुए बताया कि जब मैं उनसे पहली बार मिला था तो मैंने किस रंग की शर्ट पहनी थी। मैं हैरान रह गया। कैसे वो यादें संजों कर रखती थीं।”
बता दें लता मंगेशकर के निधन के बाद धर्मेंद्र ने शोक जताते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया। उन्होंने लता जी के साथ अपनी खास और यादगार तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ‘पूरी दुनिया शोक में है! मैं ये भरोसा ही नहीं कर पा रहा हूं कि लता जी हमें हमेशा के लिए छोड़कर चली गई हैं। हम आपको बेहद याद करेंगे लता जी। मैं भगवान से आपकी आत्मा की शांति के लिए दुआ करता हूं।’
बता दें कि 6 फरवरी को लता मंगेशकर ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंखिरी सांस ली। उनके निधन के बाद कुछ घंटों के लिए उनके पार्थिव शरीर को उनके घर प्रभु कुंज में रखा गया। इसके बाद शिवाजी पार्क मैदान में राजकीय सम्मान के साथ उनके अंतिम संस्कार किया गया था।