बॉलीवुड के मशहूर एक्टर धर्मेंद्र ने अपनी फिल्मों और अपने अंदाज से हिंदी सिनेमा में जबरदस्त पहचान बनाई थी। धर्मेंद्र ने फिल्म ‘दिल भी तुम्हारा, हम भी तुम्हारे’ से हिंदी सिनेमा में कदम रखा था। इसके बाद वह बॉलीवुड की कई हिट फिल्मों में नजर आए थे। फिल्मों के साथ-साथ धर्मेंद्र ने राजनीति में भी हाथ आजमाया था, साथ ही भाजपा की सीट से बीकानेर से सांसद भी बने थे। हालांकि उनका कहना था कि एक एक्टर को कभी भी बॉलीवुड में कदम नहीं रखना चाहिए। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने इस बात की वजह भी जाहिर की थी।
धर्मेंद्र ने कलाकारों को राजनीति में कदम न रखने की सलाह देते हुए कहा था, “मैं यह नहीं कहूंगा कि राजनीति में आना एक गलती होती है, लेकिन हां एक एक्टर को कभी भी राजनीति में नहीं आना चाहिए। क्योंकि यह दर्शकों को आम जनता व फैंस में बांट देती है। एक एक्टर को हमेशा एक्टर ही रहना चाहिए।”
धर्मेंद्र ने इस बारे में आगे कहा था, “मेरे लिए जो प्यार और समर्थन फैंस से मुझे इन सालों में मिला था, वही मेरे लिए सबसे बड़ी उपलब्धि थी।” बता दें कि धर्मेंद्र राजनीति में आने के बाद काफी पछताए थे, साथ ही उनका अनुभव भी राजनीति में खास नहीं रहा था। एक्टर पर संसद से गुम रहने और अपने संसदीय क्षेत्र कभी न जाने का आरोप भी लगा था। हालांकि एक्टर ने इन चीजों को साफ तौर पर खारिज किया था।
धर्मेंद्र ने बीकानेर में किये गए अपने काम के बारे में बात करते हुए कहा था, “मैं अपने संसदीय क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं से हमेशा जुड़ा रहा था। सूर सागर, जो कि बीकानेर का डंपिंग ग्राउंड था, उसे साफ करवाने से लेकर स्कूल में बच्चों की फीस कम करवाने और रंगमंच की मरम्मत करवाने तक, मैंने सभी समस्याओं का समाधान करने की कोशिश की है।”
बता दें कि राजनीति में आने की हामी भरने के बाद धर्मेंद्र को काफी पछतावा हुआ था। ‘आपकी अदालत’ में उन्होंने बताया था कि हां करने के बाद उन्होंने दीवार पर अपना सिर मारा था। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि काम मैं करता था, नाम किसी और का हो जाता था।