CineGram: आज सिनेग्राम में हम आपको एक ऐसी स्टार का किस्सा बताने वाले हैं जिसका 1940-50 के दशक में बॉलीवुड में बोलबाला था। जिसने हेलन को फिल्मी दुनिया का रास्ता दिखाया। वो एक ऐसी डांसर थीं जिसकी फीस इतनी ज्यादा थी कि कई एक्टर्स को भी उतने पैसे नहीं मिलते थे। कभी फाइव स्टार होटल से खाना मंगाकर यूं ही फेंक दिया करती थीं और अंत ऐसा हुआ कि फेंका हुआ खाना खाने पर मजबूर हो गईं। हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड फिल्मों की डांसर कुक्कू मोरे की। 4 फरवरी 1928 को एक एंग्लो इंडियन परिवार में कुक्कू मोरे का जन्म हुआ था और आज उनका जन्मदिवस है। बचपन से ही कुक्कू को डांस का शौक था और उनका शौक पूरी हुआ हिंदी सिनेमा की कैबरे डांसर बनकर।
बॉलीवुड की रबर गर्ल कहलाती थीं कुक्कू मोरे
कुक्कू मोरे ने साल आजादी से पहले साल 1946 में आई फिल्म ‘अरब का सितारा’ में काम किया और अपने डांसिंग स्किल्स से उन्होंने हर किसी का दिल जीत लिया, उनके शरीर में इतनी लचक थी कि लोगों ने उन्हें रबर गर्ल कहना शुरू कर दिया। उन्होंने हिंदी सिनेमा में कैबरे डांस को अलग ही पहचान दिलाई लगभग हर दूसरी फिल्म में उनका कैबरे डांस अनिवार्य हो गया था। कुक्कू ने ‘अनोखी अदा’, ‘अंदाज’ ‘शायर’, ‘बरसात’ और ‘पतंगा’ जैसी तमाम फिल्मों में अपने डांस से लोगों का दिल जीता। उनका डांस इतना पसंद किया जाता था कि उन्होंने अपने डांस के बदले 6 हजार रुपये की फीस लेना शुरू कर दी। उस जमाने में ये बेहद बड़ी रकम थी और कई बॉलीवुड एक्टर से भी ज्यादा थी। इस वजह से बहुत से लोगों को उनसे प्रॉब्लम रहने लगी। धीरे-धीरे जब हेलेन और वैजयंतीमाला जैसी एक्ट्रेसेज ने फिल्मों में डांस शुरू किया तो कुक्कू की लोकप्रियता कम होने लगी। साल 1963 में कुक्कू ने फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया था।
हेलेन को फिल्मों में लेकर आई थीं कुक्कू मोरे
कुक्कू और हेलन की फैमिली फ्रेंड थी। कुक्कू ने हेलेन को फिल्मों का रास्ता दिखाया। कुक्कू ने न सिर्फ हेलेन बल्कि एक्टर प्राण को भी फिल्मों में लॉन्च किया। कुक्कू और हेलेन ने साथ में भी डांस किया है। दोनों ने बिमल रॉय की फिल्म यहूदी और हीरा मोती में साथ डांस किया था।
यहां देखिए कुक्कू और हेलेन का डांस वीडियो
लग्जरी की शौकीन थीं कुक्कू मोरे
कुक्कू मोरे ने खूब पैसे कमाए और उन्हें खूब खर्च भी किया। अपने पैसों से कुक्कू ने मुंबई में एक शानदार बंगला खरीदा। कई लग्जरी गाड़ियां भी उनके पास थीं। एक गाड़ी तो उन्होंने अपने कुत्ते को घुमाने के लिए ली थी। वहीं एक गाड़ी उन्होंने अपने दोस्तों के लिए थी। कुक्कू के पास कई फ्लैट और जूलरी भी थी। लेकिन उनकी ही फिजूलखर्ची ने उन्हें अर्श से फर्श पर पहुंचा दिया।
फिजूलखर्ची ने दिखाया पतन का रास्ता
कुक्कू मोरे की जिंदगी बहुत ही शान-ओ-शौकत से गुजर रही थी, उन्होंने खूब पैसा कमाया और उसे उतना ही खर्च भी किया। फिजूलखर्च और सही से निवेश न करने की वजह से वो बर्बादी की राह पर चल पड़ीं। उन्होंने टैक्स भी ठीक से फाइल नहीं किया, नतीजा ये हुआ कि उनके घर आयकर विभाग का छापा पड़ा। जिसमें उनकी बहुत सारी संपत्ति जब्त कर ली गई। जो लोग कुक्कू के पैसों पर ऐश किया करते थे मुसीबत आई तो उन्हें अकेला छोड़कर चले गए। कुक्कू को काम मिलना भी बंद हो गया। मुसीबत तब बढ़ी जब कुक्कू मोरे को कैंसर हो गया। ना उनके पास खाने के पैसे थे ना ही दवाई के लिए पैसे थे। कभी किसी की कृपा रही तो खाना मिल गया वरना भूखे पेट ही सोना पड़ता था।
अपनी हालत के लिए खुद को ही जिम्मेदार मानती थीं कुक्कू मोरे
एक्ट्रेस तबस्सुम ने अपने शो तबस्सुम टॉकीज में कुक्कू मोरे का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कुक्कू मोरे हमेशा कहती थी कि अपनी हालत की जिम्मेदार मैं खुद हूं। कुक्कू कहती थीं मेरे पास बहुत पैसा था मैंने उसकी कद्र नहीं की। पानी की तरह पैसा बहाया और आज मैं पाई-पाई की मोहताज हो गई। कुक्कू कहती थीं कि मैंने खाने की कद्र नहीं की। 5 स्टार से खाना मंगवाकर दोस्तों को खिलाती थी जो खाना बच जाता था उसे डस्टबिन में फेंक देती थी यही बात ऊपरवाले को बुरी लगी और मैं दाने-दाने की मोहताज हो गई। तबस्सुम ने बताया था कि कुक्कू मोरे सब्जी मार्केट जाया करती थीं और सब्जी बेचने वाले जो बची हुई सब्जियां और डंठल वगैरह सड़क पर फेंकते वो उन्हें बटोरकर घर ले आती थीं, उसे ही पकाकर वो खाया करती थीं।