देशभर में कोविड का वैक्सीनेशन प्रोग्राम चल रहा है इस बीच वैक्सीन की कथित कमी को लेकर राहुल गांधी ने शुक्रवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा, ‘जुलाई का महीना आ गया लेकिन वैक्सीन नहीं आई।’ उनके इस ट्वीट पर बीजेपी के केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने पलटवार करते हुए कहा कि अहंकार और अज्ञानता के वायरस का कोई टीका नहीं है। इसी मुद्दे पर एबीपी न्यूज़ पर डिबेट के दौरान शो की एंकर रुबिका लियाकत ने राहुल गांधी को बाबा राहुल कह दिया जिसके बाद कांग्रेस की प्रवक्ता रागिनी नायक भड़क गईं।

दरअसल राहिनी नायक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की राहुल गांधी पर टिप्पणी का जवाब दे रही थीं और उसी दौरान उन्होंने बाबा रामदेव को लाला रामदेव कहा जिस पर रुबिका लियाकत ने राहुल गांधी को बाबा राहुल कह दिया। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘राहुल गांधी के ट्वीट का जवाब देने में जो मुस्तैदी दिखाते हैं डॉक्टर हर्षवर्धन वही कोरोना प्रबंधन में दिखाई होती तो देश का ये हाल न होता, बर्बादी, मौत का तांडव देखने को न मिला होता।’

उन्होंने आगे कहा, ‘अज्ञानता और अज्ञान का प्रवचन डॉक्टर हर्षवर्धन से सुनेंगे? जो कि बता रहे थे कि डार्क चॉकलेट से कोरोना को ठीक किया जा सकता है। जो कोरोनिल का लाला रामदेव के साथ स्वयं प्रचार कर रहे थे। वही लाला रामदेव जो कह रहे थे कि दो दो डोज लगवाने के बाद डॉक्टर मर गए। अज्ञानता अहंकार, भ्रम वो लोग फैला रहे थे जो भाभी जी का पापड़, गौमूत्र, गोबर का लेप, डार्क चॉकलेट तमाम ऐसी चीजों का प्रचार कर रहे थे।’

 

उन्होंने कहा कि ये काम संघी और भाजपाई कर रहे हैं। रुबिका लियाकत ने उन्हें टोकते हुए कहा, ‘आप बाबा रामदेव को लाला रामदेव कहिए लेकिन बाबा राहुल के बारे में भी तो बता दीजिए। जिस तरह के ट्वीट वो कर रहे हैं उसका मतलब क्या है?’

जवाब में रागिनी नायक ने गुस्से में कहा, ‘एक तो मुझे आश्चर्य है कि मैंने लाला रामदेव कहा तो आप कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को बाबा कह रही हैं। कोई बीजेपी का प्रवक्ता ऐसी बात कहता तो मैं समझ सकती थी। मैं इस पर आपत्ति दर्ज करती हूं।’

 

रुबिका लियाकत ने उन्हें फिर रोकते हुए गुस्से में कहा, ‘ये आप मुझे मत बताएं। आप लोग राहुल बाबा कह सकते हैं मैं बाबा राहुल नहीं कह सकती। क्यों? मैंने कोई अभद्रता नहीं की है।’

 

जवाब में रागिनी नायक ने कहा, ‘आप उनके लिए लगातार ऐसे शब्दों का प्रयोग कर रही हैं जो गलत है, आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। मैंने किसी भी तरह की अभद्रता नहीं की डिबेट में। अगर हमने उनकी लीडरशिप, दूरदर्शिता मान ली होती तो देश इस दुर्दशा से न गुजरता।’