ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को धार्मिक भावनाओं को आहात करने के आरोप में कई अदालतों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। इसी बीच दिल्ली हाई कोर्ट ने मोहम्मद जुबैर के बेल पर सुनवाई करते हुए टिप्पणी की है। मोहम्मद जुबैर को जमानत देते हुए दिल्ली कोर्ट ने कहा कि “हिंदू धर्म सबसे पुराने धर्मों में से एक है। अनुयायी भी सहनशील/ सहिष्णु होते हैं।”
कोर्ट ने आगे कहा कि “हिंदू धर्म इतना सहिष्णु है कि उसके अनुयायी गर्व से अपने संस्थानों, संगठनों, सुविधाओं का नाम हिंदू देवताओं के नाम पर रखते हैं।, स्वस्थ लोकतंत्र के लिए असंतोष की आवाज जरूरी है। निसंदेह एक लोकतांत्रिक समाज की ठोस नींव के लिए स्वतंत्र आवाज जरूरी है।” इसी पर ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
विवेक अग्निहोत्री ने इस पर जवाब देते हुए लिखा है कि “इसलिए सहिष्णु लोग निरंतर नरसंहार और सिर कलम करने के शिकार हो रहे हैं – मोपला, डायरेक्ट एक्शन डे, कश्मीर, गोधरा, पंजाब, दिल्ली, उदयपुर।” विवेक अग्निहोत्री के इस ट्वीट पर लोग भी अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
लोगों की प्रतिक्रियाएं: दीपक शर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि ‘हिंदू सहिष्णु हैं और मुसलमान नहीं। हम हिंदुओं को संतुलन के लिए अतिरिक्त सजा दे सकते हैं।’ सुशांत झा नाम के यूजर ने लिखा कि ‘बच्चों का नाम भगवान के नाम पर रखते हैं, लेकिन उसके पीछे उद्देश्य ये है कि उस बहाने प्रभु नाम का स्मरण हो, न कि उनका मजाक उड़ाया जाए।’
स्वामी आनंद नाम के यूजर ने लिखा कि ‘भारत अपने सहिष्णु बहुमत के कारण ही एक लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्ष है। अदालतों को इसे दोहराने की जरूरत नहीं है। बहुमत को और अधिक हल्के में नहीं ले सकते।’ एक यूजर ने लिखा कि ‘कानून के अनुसार किए गए अपराध के लिए सजा अपेक्षित है। अगर कुछ पीड़ित सहिष्णु, अज्ञानी हैं तो क्या फर्क पड़ता है? इसका कोई मतलब भी है क्या?’
गौरतलब है कि मोहम्मद जुबैर के खिलाफ मामला हनुमान भक्त नाम के एक ट्विटर हैंडल की शिकायत पर आधारित था। इस हैंडल से आरोप लगाया गया था कि जुबैर ने एक हिंदू भगवान का जानबूझकर अपमान किया है। आरोप के मुताबिक गलत इरादे से जुबैर ने संदिग्ध तस्वीर ट्वीट की थी।