फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर मची सियासत थमने का नाम ही नहीं ले रही है। इस फिल्म को लेकर अक्सर कोई ना कोई विवाद छिड़ ही जाता है। लेखक, इतिहासकार अशोक कुमार पाण्डेय ने एक पोस्टर शेयर किया, जिसमें सात अप्रैल को एक कार्यक्रम के आयोजन का होना दिखाया गया है। यह कार्यक्रम “‘द कश्मीर फाइल्स’ एक अर्धसत्य” विषय में चर्चा करने के लिए आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के पोस्टर को शेयर करते हुए अशोक कुमार पाण्डेय ने लिखा कि ‘कल शाम पुणे के गांधी भवन में मिल सकते हैं, वहां के साथी।’ इस पर जवाब देते हुए फिल्म द कश्मीर फाइल्स के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने लिखा कि “मैं पुणे के कश्मीरी पंडितों से निवेदन करता हूं कि वो इस कार्यक्रम में जाकर माननीय पांडेय जी को पूर्ण सत्य बताएं।”
विवेक अग्निहोत्री के इस ट्वीट पर अशोक कुमार पाण्डेय ने पलटवार करते हुए लिखा कि “इतना डर क्यों लगता है इन्हें? आपने फिल्म बनाई। अपनी बात कही। जो मेरी समझ है वह मैं कहूंगा। फिर इतनी परेशानी क्यों? मैं तो कहूंगा सारे पंडित आएं, सुनें और तय करें कि जो मैं कह रहा हूं वह कितना सही है, कितना गलत।”
अशोक कुमार पाण्डेय के ट्वीट और फिल्म द कश्मीर फाइल्स पर आयोजित चर्चा पर प्रतिक्रिया देते हुए फिल्ममेकर अशोक पंडित ने लिखा कि “पुणे में कश्मीरी पंडितों ने द कश्मीरी हिंदू समुदाय की ओर से कार्यक्रम को रद्द करने के लिए डी कोथरुड पुलिस स्टेशन से संपर्क किया, जिसमें मांग की गई थी कि ‘द कश्मीर फाइल्स – एक अर्धसत्य’ शीर्षक से गांधी भवन में आयोजित होने वाले कार्यक्रम को रद्द कर दिया जाए या सभी लोग भाग लेने की आज्ञा दी जाए। हालांकि सभी लोग को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।”
अब सोशल मीडिया पर लोग इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। अमरदीप जैसवाल ने अशोक कुमार पाण्डेय को जवाब देते हुए लिखा कि “पाण्डेय जी, कश्मीर विषय पर बहुत फिल्में बनी, तब तो कभी सत्य बताने नहीं आये थे? आप लोगों का दर्द है कि किताबों में भर-भर के जो प्रोपगेंडा लिखा ना उसकी पोल खुल गई। चलिए, मान लिया कि फिल्म ने अर्धसत्य दिखा के 250 करोड़ कमाए, आपके सत्य में दम है तो दिखा कर 500 करोड़ कमा लीजिये।”
आलोक सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि “विवेक अग्निहोत्री तुम खुद क्यों नहीं बैठ जाते डिबेट में, इतिहास के सवालों का जबाब भी देना और सवाल भी करना। अभी तो तुमने भोपालियों को बदनाम किया था भविष्य में तुम खुद बदनाम होगे।” संजय नाम के यूजर ने लिखा कि “पाण्डेय जी! पूर्ण सत्य बताइयेगा कश्मीर घाटी (पाक अधिकृत सहित) में हिन्दू कभी थे भी या नहीं और यदि नहीं तो हिन्दुओं के धर्म स्थलों का निर्माण क्या मुस्लिमों द्वारा अपनी उत्पत्ति के पूर्व ही करा दिया था? और यदि थे तो कहां गायब हो गये?”
प्रभात नाम के यूजर ने लिखा “विवेक अग्निहोत्री जी, आप इतना चिढ़ क्यों रहे हैं। आपको झूठा नहीं कहा है, बल्कि आधा सच बताने वाला कहा है। इनकी भी सुन लेते हैं।” प्रमोद पाण्डेय नाम के यूजर ने लिखा कि “आपको स्वयं जाकर अशोक जी से डिबेट करनी चाहिए फिर पता चल जायेगा कि किसकी रिसर्च कितनी कमजोर है और किसकी कितनी तथ्यात्मक है।”