Cinegram: हिंदी इंडस्ट्री के शोमैन राज कपूर की आज 100वीं बर्थ एनिवर्सरी है और इस खास मौके पर पूरे देश में जश्न मनाया जा रहा है। 13 दिसंबर से लेकर 15 दिसंबर तक देश के 40 शहरों में राज कपूर की यादगार फिल्में दिखाई जा रही हैं। कपूर खानदान ने मुंबई में इस दिन के लिए बड़े इवेंट का आयोजन किया, जिसमें बॉलीवुड के तमाम सितारे शामिल हुए। राज कपूर का जन्म 14 दिसंबर 1924 को हुआ था और 2 जून 1988 को उनका निधन हो गया था, लेकिन बड़ी बात ये है कि मौत से करीब एक महीने पहले ही राज कपूर को इस बात का एहसास हो गया था कि उनके पास अब ज्यादा दिन नहीं बचे हैं।

अस्थमा से आने लगे थे अटैक

जिस साल उनका निधन हुआ तब वह फिल्म ‘हिना’ का डायरेक्शन कर रहे थे। उन्हें अचानक अस्थमा के अटैक आने लगे थे और ऐसे ही एक दिन उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। वह बीमार होने के बावजूद 2 मई 1988 को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड लेने पहुंचे थे। उन्हें बार-बार अस्थमा अटैक आते थे और इसके कारण वह ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर चलते थे। मगर जब वो अवॉर्ड फंक्शन के लिए गए और प्रोटोकॉल के कारण उनका ऑक्सीजन सिलेंडर बाहर रखवा लिया गया। अवॉर्ड देने के लिए उनका नाम अनाउंस हुआ मगर उसी वक्त उन्हें अस्थमा अटैक आ गया।

राष्ट्रपति की एम्बुलेंस में ले जाया गया था अस्पताल

राज कपूर की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें तुरंत राष्ट्रपति की एम्बुलेंस में दिल्ली के AIIMS ले जाया गया। उन्हें तुरंत आईसीयू में भर्ती किया गया। उस वक्त वहां वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सरदाना भी थे, राज कपूर ने उसे कहा था कि वो अब नहीं बच पाएंगे।

ये थे राज कपूर के आखिरी शब्द

राज कपूर ने प्रदीप सरदाना से कहा था, “अब मैं ठीक नहीं हो पाऊंगा। आई विल डाई।” राज कपूर के ये आखिरी शब्द थे और कुछ ही देर बाद वो कोमा में चले गए थे और ठीक एक महीने बाद 2 जून को उनका निधन हो गया था। राज कपूर की यादें आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है और आज के खास दिन पर हर कोई उनकी उपलब्धियों का जश्न मना रहा है। खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें..