CineGram: दूरदर्शी फिल्म डायरेक्टर बी.आर. चोपड़ा का नाम हिंदी सिनेमा जगत में बहुत बड़ा था। हर बड़ा एक्टर उनके साथ काम करना चाहता था। उनकी फिल्में जैसे ‘अफसाना’, ‘गुमराह’, ‘कानून’, ‘द बर्निंग ट्रेन’ ऐसी फिल्में हैं जिन्हें आज भी लोग पूरी दिलचस्पी के साथ देखते हैं। उनकी एक बड़ी फिल्मों में ‘नया दौर’ भी शामिल है, लेकिन इस फिल्म को लेकर महमूद खान ने उन्हें कहा था कि ये फिल्म उन्हें बर्बाद कर देगी। मगर ऐसा नहीं हुआ और ये फिल्म कमाल की हिट निकली।

बता दें कि साल 1957 में आई ये फिल्म सुपरहिट होने के साथ-साथ उस साल की सबसे अधिक कमाई करने वाली दूसरी फिल्म थी। मगर फिल्म जगत के कुछ दिग्गजों को शक था कि ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कमाल कर पाएगी। बी.आर. चोपड़ा ने अपने दिल की सुनी और अपनी कहानी पर विश्वास लिए आगे बढ़ गए। इस फिल्म की कहानी हम आपको बताने वाले हैं कि कैसे उन्हें चेताया गया था।

फिल्ममेकर महमूद खान जो बी.आर.चोपड़ा के दोस्त थे, उन्होंने मना किया था कि वो ये फिल्म न बनाएं। महमूद ने कहा था, “ए चोपड़ा, तुझे मरना है… ये नया दौर तेरी कब्र खोद देगी।” उन्हें लगता था कि ये फिल्म चोपड़ा की बर्बादी का कारण बनेगी। खुद चोपड़ा ने अपने एक इंटरव्यू में इसके बारे में बताया था और कहा था, “मैं ये फिल्म पूरे विश्वास के साथ बना रहा था।”

अपने दोस्त की बात को ना सुनते हुए बी.आर.चोपड़ा ने फिल्म के लीड रोल शंकर को कास्ट किया। शंकर जो इस फिल्म में टांगेवाला था। इस रोल के लिए बी.आर. चोपड़ा की पहली पसंद और कोई नहीं बल्कि दिलीप कुमार ही थे। उन्हें लगता था कि दिलीप कुमार के इमोशन और उनकी स्क्रीन प्रेजेंस इस रोल के लिए परफेक्ट होगी। हालांकि पहले तो दिलीप कुमार ने इस फिल्म को करने से इनकार कर दिया, मगर बाद में वो मान गए।

दिलीप कुमार ने क्यों रिजेक्ट की थी फिल्म?

महबूब खान को इस फिल्म की कहानी पर पहले ही संदेह था और बी.आर.चोपड़ा ने भले ही उनकी बात ना मानी हो, लेकिन दिलीप कुमार ने उनका कहना मान लिया था। दरअसल महबूब का फिल्म को लेकर जो शक था, उसी को ध्यान में रखते हुए दिलीप कुमार ने पहले फिल्म के लिए मना कर दिया था। इसके बाद चोपड़ा ने अशोक कुमार को अप्रोच किया, जो उस वक्त के मशहूर स्टार्स में से एक थे।

अशोक कुमार ने भी किया इनकार

जब बी.आर.चोपड़ा ने इस फिल्म की कहानी अशोक कुमार को सुनाई तो उन्हें ये पसंद तो आई, मगर उन्हें लगा कि वो इस रोल के लिए फिट नहीं हैं। अशोक कुमार ने बड़े ही प्यार से चोपड़ा को समझाया था कि उनकी पर्सनालिटी पर ये किरदार नहीं जचेगा। अशोक कुमार ने चोपड़ा को कहा था कि वो दोबारा दिलीप कुमार से बात करें। मगर जब चोपड़ा ने बताया कि दिलीप कुमार पहले ही इस फिल्म के लिए इनकार कर चुके हैं तो उन्होंने आश्वासन दिया कि दिलीप कुमार एक या दो दिन में उन्हें फोन जरूर करेंगे।

सच हुई थी अशोक कुमार की बात

दिलीप कुमार ने कुछ दिन बाद ही बी.आर.चोपड़ा से मुलाकात की। जब चोपड़ा ने दोबारा उन्हें फिल्म की कहानी सुनाई तो वो तुरंत मान गए। दिलीप कुमार ने खुद साइनिंग अमाउंट लिया, लेकिन बेहद खास तरीके से। दिलीप कुमार ने चोपड़ा की पत्नी से पूछा, “भाभी जी आपके पास पांच हजार पड़े हैं?”  उनकी ये बात खास याद बनकर रह गई।

बता दें कि इस फिल्म में दिलीप कुमार का किरदार बहुत मासूम और साधारण दिखाया है, मगर उनकी एक्टिंग ने लोगों को उनका दीवाना बना दिया था। फिल्म में वैजयंतीमाला ने रजनी का किरदार निभाया था जो शंकर की तरह ही ‘नया दौर’ का अहम किरदार थी। दोनों की जोड़ी को भी बड़े पर्दे पर खूब पसंद किया गया था।

खास है फिल्म की लोकेशन की कहानी

ये फिल्म मध्यप्रदेश के बुदनी जंगल में शूट हुई थी। दरअसल दिलीप कुमार की मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में तगड़ी फैन फॉलोइंग है, वहां उनके एक फैन जिनका नाम खालिद अबिदी है, उन्होंने फिल्म से जुड़ा जरूरी किस्सा सुनाया था। न्यूज 18 में छपी खबर के मुताबिक खालिद ने खुद बताया था कि जब वो 5 साल के थे तभी से दिलीप कुमार के फैन हैं। दिलीप कुमार के निधन पर उन्होंने नम आंखों से बताया था कि ‘नया दौर’ का गाना ‘मांग के हाथ तुम्हारा’ गाना बुदनी में शूट हुई थी।

उन्होंने बताया था कि जब फिल्म के डायरेक्टर बी.आर.चोपड़ा एक बार बुदनी के जंगल के पास से गुजरे थे तो उन्हें लोकेशन बहुत पसंद आई थी। तभी उन्होंने ठान लिया था कि उनकी फिल्म का कुल हिस्सा वहां शूट होगा।

इस फिल्म के समय मोहम्मद रफी से हुआ था विवाद

इस फिल्म से जुड़ा एक और किस्सा है, कहा जाता है कि जब ‘नया दौर’ की शूटिंग हो रही थी तो बी.आर.चोपड़ा ने मोहम्मद रफी के सामने शर्त रखी थी कि वो केवल उनकी फिल्मों के लिए ही गाएं। मगर ये बात रफी को मंजूर नहीं आई और उन्होंने इसके लिए मना कर दिया। चोपड़ा इतना नाराज हो गए कि उन्होंने रफी को अपनी फिल्मों में बैन कर दिया और उनके साथ कभी ना काम करने की कसम खाई। हालांकि यश चोपड़ा ने कुछ साल बाद वापस दोनों की दोस्ती कराई।