छठ पूजा का पर्व इस साल 25 अक्टूबर से शुरू होकर 28 अक्टूबर 2025 को समाप्त होगा। भोजपुरी गानों की गूंज इस पर्व में सबसे ज्यादा सुनाई देती है। खेसारी लाल यादव, पवन सिंह जैसे गानों के सॉन्ग सुनते हुए इस महापर्व को मनाया जाता है। छठ महापर्व से जुड़ी आस्था और मान्यताओं के बारे में पूरे देश के लोग शायद नहीं जानते होंगे, लेकिन अब छठ के नाम से बनी फिल्म चर्चा में आ गई है। खास बात है कि इसका लुत्फ ओटीटी पर उठाया जा सकता है।

नेशनल अवॉर्ड विनर डायरेक्टर नितिन नीरा चंद्रा के निर्देशन में छठ फिल्म बनी है। वहीं, फिल्म का निर्माण अभिनेत्री और निर्माता नीतू चंद्रा ने किया है। बता दें कि छठ फिल्म में इस महापर्व और लोगों की आस्था को दिखाया गया है, जो अपनी धार्मिक परंपराओं के बारे में बखूबी जानते हैं। इसमें भारत के पवित्र त्योहारों में से एक छठ पूजा की पवित्रता को दर्शाया गया है।

Chhath Puja Film

इस ओटीटी प्लेटफॉर्म पर देख पाएंगे छठ फिल्म

प्रसार भारती के ओटीटी प्लेटफॉर्म वेव्स पर 24 अक्टूबर से मोस्ट अवेटेड मूवी ‘छठ’ का एक्सक्लूसिव वर्ल्डवाइड प्रीमियर शुरू हो गया है। इस फिल्म में बिहार की संस्कृति, आस्था को बेहतरीन ढंग से दिखाया गया है। अगर आप इस त्योहार की पवित्रता और मान्यताओं को समझना चाहते हैं, तो ओटीटी पर इस फिल्म को एक बार जरूर देखें।

फिल्म की निर्माता नीतू चंद्रा ने अपने बयान में कहा, ‘छठ केवल एक फिल्म नहीं है, बल्कि हर बिहार के नागरिक के दिल की भावना है। यह हमारी आस्था, पहचान और जड़ों से जुड़ाव की कहानी है। इस फिल्म के जरिए हम यह चाहते हैं कि दुनिया के लोगों को बिहार की संस्कृति, सादगी और शक्ति की जानकारी मिल पाए। हमें इस बात की बेहद खुशी है कि वेव्स ओटीटी हमारी फिल्म को दर्शकों के बड़े वर्ग तक पहुंचा रहा है।’

Chhath Puja Movie

प्रसार भारती के सीईओ गौरव द्विवेदी ने इस फिल्म के बारे में कहा, ‘छठ हमें इस बात को याद दिलाती है कि भारत की सबसे बेहतरीन कहनियां उसकी मिट्टी से जन्म लेती हैं। छठ मूवी हमारी सांस्कृतिक गहराई और भावनात्मक समृद्धि को उजागर करती है। वेव्स मूवी के जरिए हम देश की ऐसी कहानियों को वह मंच दे रहे हैं, जिसकी वे सच्चे अर्थों में हकदार हैं।’

क्या है छठ फिल्म की कहानी?

छठ पूजा से पहले रिलीज हुई फिल्म छठ की कहानी बिहार के एक गांव में सेट की गई है। इसमें गोविंद (शशि वर्मा) अपनी मां, पत्‍नी ज्‍योति (स्‍नेहा पल्‍लवी) के साथ रहता है। वहीं, उनके दो बेटे मोतिहारी में पढ़ रहे हैं। छठ के मौके पर उनका एक बेटा परीक्षा की वजह से नहीं आ पाया। फिर 25 साल बाद उनका पूरा परिवार छठ के पर्व पर इकट्ठा हुआ। इसके बाद की पूरी कहानी को शानदर ढंग से फिल्म में दिखाया गया है कि उनके घर का माहौल इस पर्व के दौरान कैसा होता है।