हाल ही में इंटरनेट पर Mark Antony फेम विशाल का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा था। जिसमें वह अपनी फिल्म के हिंदी वर्जन के सर्टिफिकेशन के लिए सेंसर बोर्ड पर 6.5 लाख लेने का आरोप लगाते नजर आ रहे थे। इस वीडियो के वायरल होते ही CBFC में हलचल मच गई है। जिसके बाद केंद्र सरकार ने विशाल के इस आरोप की तत्काल जांच का आदेश दिया है।

विशाल ने गुरुवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में सीबीएफसी के मुंबई कार्यालय के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोप लगाए थे, उसी दिन फिल्म का हिंदी वर्जन भी सिनेमाघरों में रिलीज हुआ था। वीडियो में उन कथित बिचौलियों को किए गए पैसों के लेनदेन का जिक्र भी किया गया था, जिन्होंने उनकी फिल्म को सर्टिफिकेशन देने के लिए रिश्वत मांगी थी। विशाल ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे से “घोटाले” की जांच करने की भी अपील की थी।

उनके आरोपों पर संज्ञान लेते हुए, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने शुक्रवार को ट्वीट किया। जिसमें लिखा गया है, “भ्रष्टाचार के प्रति सरकार की कोई नीति नहीं है और इसमें शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” बता दें कि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी को इसकी जांच करने के लिए नियुक्त किया गया है। जो जांच कर जल्द से जल्द रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेगे।

बोर्ड के पूर्व चेयरमैन ने मांगा था इस्तीफा

इस मामले में सेंसर बोर्ड के पूर्व चेयरमै पहलाज निहलानी का बयान पहले ही सामने आ चुका है। उन्होंने कहा कि CBFC के सीईओ रविंद्र भाकर के रहते हुए जमकर करप्शन हो रहा है।

इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि बोर्ड के वर्तमान चेयरमैन प्रसून जोशी कभी दफ्तर तक नहीं जाते, घर पर ही फाइलें मंगाकर चेक करते हैं। उनका कहना है कि प्रसून जोशी इसके लिए जिम्मेदार हैं। उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।