दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुदर्शन न्यूज़ चैनल के विवादित कार्यक्रम ‘नौकरशाही जिहाद’ के प्रसारण पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया। हालांकि चैनल को नोटिस जारी किया गया है। इससे पहले केंद्र सरकार ने भी इस कार्यक्रम के प्रसारण को हरी झंडी दे दी थी। चैनल को यह भी निर्देश दिया था कि शो प्रसारण के दौरान इस बात का ध्यान रखा जाए कि प्रोग्राम कोड का उल्लंघन ना हो। अगर ऐसा होता है तो कार्रवाई की जाएगी। सुदर्शन न्यूज़ चैनल ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को सौंपे अपने लिखित जवाब में कहा था कि ‘यह शो किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं करता है और अगर शो में किसी भी प्रकार के कानून का उल्लंघन पाया जाता है तो नियमों के मुताबिक कार्रवाई करें’।

आपको बता दें कि सुदर्शन न्यूज चैनल पर प्रसारित होने वाले इस विवादित कार्यक्रम का मामला इससे पहले भी कोर्ट पहुंचा था। तब दिल्ली हाईकोर्ट ने कार्यक्रम के प्रसारण पर स्टे लगाते हुए केंद्र सरकार को आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने स्टे तब तक के लिए लगाया गया था, जब तक केंद्र इस पर कोई फैसला नहीं लेती है। दरअसल, कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी और कहा गया था कि सुदर्शन न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम ‘बिंदास बोल’ के अंतर्गत प्रसारित होने वाला शो हेट स्पीच को बढ़ावा देता है और जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों और मुस्लिम कम्युनिटी को बदनाम करता है।

आपको बता दें कि सुदर्शन न्यूज़ चैनल 28 अगस्त को ‘नौकरशाही जिहाद’ नाम का एक कार्यक्रम प्रसारित करने वाला था। इस शो का प्रोमो सामने आते ही विवाद मच गया था। शो के होस्ट और चैनल के एडिटर इन चीफ सुरेश चव्हाणके प्रोमो में कहते दिखाई देते हैं ‘अचानक आईपीएस, आईएएस में मुसलमान कैसे बढ़ गए? सोचिए अगर जामिया के जिहादी आप के जिलाधिकारी और हर मंत्रालय में सचिव होंगे तो क्या होगा? लोकतंत्र के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ कार्यपालिका के सबसे बड़े पदों पर मुस्लिम घुसपैठ का पर्दाफाश देखिए सुदर्शन न्यूज़ पर।’

इस प्रोमो के सामने आने के बाद बहस छिड़ गई। जहां आईएएस और आईपीएस लॉबी ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। तो वहीं, जामिया मिलिया ने भी सरकार को पत्र लिखकर चैनल पर कार्रवाई की मांग की थी। उधर, मामला कोर्ट में भी पहुंच गया था। जिसके बाद कोर्ट ने केंद्र के फैसला लेने तक शो के प्रसारण पर स्टे लगा दिया था।