आरती सक्सेना
एक जमाने में 400 करोड़ तक का व्यापार करने वाली बालीवुड फिल्में आज 50 करोड़ तक के कारोबार तक के लिए तरस रही हैं। इसके कई कारण हैं लेकिन एक कारण आज के समय में सोशल मीडिया पर फिल्मों का बहिष्कार भी माना जा रहा है । कई फिल्मों को किसी न किसी कारण से सोशल मीडिया पर पोस्ट ओर हैश टैग के जरिये बहिष्कार किया जा रहा है ।
ऐसे में अक्षय कुमार की रक्षाबंधन और आमिर खान की लाल सिंह चड्ढा की हालत इतनी खराब हो गई कि पूरा थिएटर खाली पड़ा रहा। इस वजह से शो रद्द करने पड़े। बहिष्कार का सामना करने वाली फिल्मों में अक्षय कुमार की सम्राट पृथ्वीराज चौहान, रणबीर कपूर की शमशेरा, टाइगर श्राफ की हीरोपंती 2, अर्जुन कपूर की एक विलेन रिटर्न, अजय देवगन की रेलवे 34 , रणवीर सिंह की जयेश भाई जोरदार और 83, कंगना रनौत की धाकड़, दीपिका पादुकोण की छपाक, आलिया भट्ट की डार्लिंग और उड़ता पंजाब इत्यादि हैं। सवाल यह उठता है कि क्या फिल्मों का बहिष्कार ही विफलता की वजह है? इससे कैसे निपटा जाए? सोशल मीडिया पर बहिष्कार क्या फिल्मों के लिए हानिकारक हो सकता है? एक नजर….
संपादक, फिल्म आलोचक और फिल्म विशेषज्ञ नरेंद्र गुप्ता के अनुसार आजकल फिल्मों के बहिष्कार का जो दौर चल रहा है, वह कहीं ना कहीं उनकी रिलीज में बाधा डालता है। कई ऐसे दर्शक जो देशभक्ति की भावना से भरे हुए हैं, उन्हें फिल्मों के बहिष्कार की प्रक्रिया प्रभावित करती है। लिहाजा दर्शक सिनेमाघर तक जाने में हिचकते हैं, लेकिन एक सच यह भी है कि अगर फिल्म अच्छी है तो वह जरूर चलेगी।
आजकल सबसे ज्यादा चर्चित फिल्म लाइगर का भी सोशल मीडिया पर बहिष्कार हो रहा है। अगर फिल्म में दम है तो वह जरूर चलेगी। बशर्ते सिनेमाघरों में तोड़ फोड़ न हो या दर्शकों को प्रवेश करने से न रोका जाए। पहले कई बार बहिष्कार के नाम पर ऐसा हुआ है। इस तरह का बहिष्कार सही मायने में बहिष्कार कहलाता है। वरना ऐसे ही सोशल मीडिया के अभियान से ही फिल्म का बहिष्कार नहीं होता। अगर ऐसा होता तो कार्तिक आर्यन की भूलभुलैया 2 इतनी सफल नहीं होती।
फिल्मों के बहिष्कार के अभियान से परेशान फिल्म सितारे दर्शकों से अपील कर रहे हैं कि वे ऐसा न करें क्योंकि इससे सिर्फ उस फिल्म को नहीं बल्कि पूरे फिल्म उद्योग को नुकसान पहुंच रहा है। बतौर अक्षय कुमार फिल्मों के बहिष्कार का कोई मतलब नहीं है क्योंकि एक उद्योग के तौर पर सिनेमा भी राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रहा है। देश की अर्थव्यवस्था में फिल्म उद्योग का बड़ा योगदान है। ऐसे में किसी फिल्म का बहिष्कार देश को आर्थिक तौर पर नुकसान पहुंचा रहा है।
आमिर खान भी अपनी फिल्म के बहिष्कार से आहत हैं और वे दर्शकों से हाथ जोड़कर विनती कर रहे हैं कि कृपया मेरी फिल्म का बहिष्कार न करें.. आमिर खान के विपरीत एक विलेन रिटर्न के अभिनेता अर्जुन कपूर भी बहिष्कार को गलत मानते हैं। अर्जुन के अनुसार फिल्म उद्योग को एकजुट होकर इस बहिष्कार का जवाब देना चाहिए… इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। फिल्म उद्योग की भलाई के कारण फिल्मों के बहिष्कार का विरोध करना जरूरी है।
वहीं 250 करोड़ का व्यवसाय करने वाली फिल्म कश्मीर फाइल्स के निर्माता विवेक अग्निहोत्री के अनुसार उनकी फिल्म का भी बहिष्कार हुआ था जिसका असर भी शुरुआत में पड़ा था। लेकिन धीरे-धीरे फिल्म ने कमाई करनी शुरू की और दर्शकों ने फिल्म को काफी पसंद किया। विवेक का मानना है कि बहिष्कार को लेकर परेशान होने के बजाय फिल्म निर्माण पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि अगर आप की फिल्म अच्छी है तो उसे सफल होने से कोई नही रोक सकता।
आने वाली फिल्मों में शाहरुख खान की पठान, सलमान खान की टाइगर 3, रितिक रोशन की विक्रम वेदा, रणबीर कपूर की ब्रह्मास्त्र, करण जौहर की लाइगर जैसी कई और फिल्मों का बहिष्कार करने की चर्चा सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही है। यही वजह है कि इनके कलाकार अपनी फिल्मों को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। आमिर खान की लाल सिंह चड्ढा, जिसका बजट काफी ज्यादा था, उसकी कमाई सिर्फ 38 करोड हुई है। आमिर खान की फिल्म की दुर्दशा कलाकारों को अपनी फिल्म रिलीज को लेकर परेशान कर रही है।
