भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने एक बार फिर केंद्र सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया और कहा कि किसान 4 महीने से तीनों कृषि कानून को रद्द किए जाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने को आंदोलनरत हैं। किसान अपने अधिकारों के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। टिकैत ने एक और ट्वीट कर कहा कि सरकार के मंसूबे ठीक नहीं हैं। देश में सरकार के नाम पर लूट करने वाले लुटेरों को भगाना होगा।
राकेश टिकैत ने गुजरात का जिक्र करते हुए कहा कि अगर आतंक और भय देखना है तो गुजरात जाकर देखो। बीकेयू नेता ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि यह सरकार, सेल फॉर इंडिया की तरफ जा रही है। उनके इस ट्वीट पर तमाम यूजर्स की प्रतिक्रिया भी सामने आने लगी। कुछ यूजर राकेश टिकैत का समर्थन करते दिखे तो कुछ उल्टा उन्हीं से सवाल करने लगे।
राजा नाम के यूजर ने टिकैत की एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ‘किसानों को मूर्ख बनाकर करोड़ों रुपए डकार गए। यूं ही नहीं हर जगह हवाई जहाज से सफर होता है और पांच सितारा होटल में कमरा मिलता है दोस्तों…।’ दिनेश चावला नाम के यूजर ने लिखा, ‘किसान 4 महीने से अपने खेत में हल जोत रहा है, फसल काट रहा है, बीज बो रहा है और पानी लगा रहा है, क्योंकि उसे अपनी, अपने परिवार की, दो वक्त की रोटी और बच्चों की पढ़ाई की चिंता है। सिर्फ तुम्हारे जैसे राजनीतिक लोग ही सड़क पर बैठे हैं।’
सुरेश कुमार सांगवान ने लिखा, ‘भाई, आप किसानों को भड़काते रहो। किसान किसी भी हद तक नहीं जाना चाहते हैं। वे सिर्फ तीनों बिल में संशोधन चाहते हैं, जिससे किसान का भला हो सके, लेकिन आप जैसे लोग कुछ नहीं होने देना चाहते हैं। आप सिर्फ राजनीति कर रहे हैं।’ एक और यूज़र ने सवाल किया, ‘राकेश जी किसी हद तक जाने की बात भूल जाओ। 26 जनवरी की बात राष्ट्र अभी तक नहीं भूला है…।’
शिवेंद्र गुप्ता नाम के यूजर ने सवाल किया, ‘आप चुनाव क्यों नहीं लड़ लेते हैं? अपनी पार्टी बनाकर चुनाव लड़ लें। अगर जनता आपके साथ है तो कानून रद्द कर देना।’ रंजन जयसवाल ने लिखा, ‘असली किसान खेतों में काम कर रहा है, नकली किसान विपक्ष से रुपए लेकर राजनीतिक आंदोलन कर रहे हैं।’ उधर, दुर्गेश नायक ने राकेश टिकैत की बातों का समर्थन करते हुए लिखा, ‘आंदोलन को अब और व्यापक करना होगा, क्योंकि मोदी और शाह फूट डालकर शासन करने वाली रणनीति पर काम कर रहे हैं।’ हेमराज मीणा ने ताना मारते हुए लिखा, ‘किसानों को बहुत बधाई। डीएपी खाद के कट्टे की कीमत में महज 700 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।’