भारतीय किसान यूनियन ‘मिशन यूपी’ को लेकर अपनी कमर कसते नजर आ रहे हैं। दिल्ली के सीमाओं पर किसानों के आंदोलन को 8 महीने होने जा रहे हैं। सरकार से आखिरी बार किसानों की बातचीत 22 जनवरी को हुई थी। इस बीच कई बार किसानों को ढोंगी-खालिस्तानी भी कहा गया। इस पर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने सीधे तौर पर कहा कि सरकार पैंतरे और ये हथकंडे छोड़ दे। नरेश टिकैत ने कहा कि- ‘सरकार किसानों को कभी मवाली तो कभी खालिस्तानी कहती है। तो ऐसी चीजें कहना छोड़ दें।’

इधर, पत्रकार अजीत अंजुम ने भी एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने सवाल किया है कि क्या किसानों का मिशन यूपी अब सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए मुसीबत बन सकता है? अजीत अंजुम ने अपनी पोस्ट में पूछा- ‘किसान आंदोलन के 8 महीने बाद भी हौसले में कमी नहीं? यूपी चुनाव में क्या ये किसान योगी के लिए मुसीबत बनेंगे? ट्रैक्टर लेकर फिर दिल्ली बॉर्डर पर आ डटे किसान? राकेश टिकैत और नरेश टिकैत ने अब शुरू की मिशन यूपी की तैयारी?’ अजीत अंजुम के इस सवाल पर लोगों के भी ढेरों रिएक्शन सामने आने लगे।

बता दें, बीकेयू के ऑफीशियल ट्विटर हेंडल से भी पोस्ट सामने आई जिसमें कहा गया- ‘मिशन यूपी की शुरुआत, कल 3:00 बजे लखनऊ प्रेस क्लब, उत्तर प्रदेश से होगी। किसान नेता श्री राकेश टिकैत जी, डॉ दर्शन पाल जी व श्री योगेंद्र यादव जी आदि प्रेस क्लब लखनऊ में मीडिया के साथियों से वार्ता करेंगे। मीडिया जगत के समस्त साथी आप सभी सादर आमंत्रित हैं।’

अजीत अंजुम की पोस्ट पर जय भारत नाम के अकाउंट से कमेंट आया- ‘हर-कहीं रास्ते रोको, किसी परभी हमला करो और लोगों की निजी संपत्ति नष्ट करो। किसानों के नाम पर आकाओं को राजनीति संरक्षण देने के लिए किसान विरोधी, आम जनता विरोधी, आंदोलन चल रहा है। फर्जी किसानों का हौंसला बढ़ाने वाले एजेंडाधारियों, दलालों, खैरातियों से सावधान रहें।’


एक ने कमेंट कर कहा- ‘8 महीने हो ही चुका है, इंतजार करिए नौ वें महीने में शायद कुछ हो जाए।’ श्री राम नाम के यूजर ने कमेंट कर कहा- ‘किसान आंदोलन एक उम्मीद, भारतीय लोकतंत्र के लिए।’ सुनीत नाम के शख्स ने कहा- ‘किसान खेतों में हैं, यह तो राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता हैं। वैसे यह भाई साहब दो बार चुनाव हार चुके हैं।’

प्रकाश चौधरी नाम के यूजर बोले- ‘चचा ये सब जमानत जब्त करवा चुके हैं, तुम इनसे उम्मीद लगाए बैठे हो योगी जी को हराने के लिए?’ चौधरी नाम के एक य़ूजर ने इस यूजर को कमेंट का जवाब देते हुए कहा- ‘4 बार वाजपई और 2 बार आडवाणी की जमानत जब्त हुई थी याद होगा!’ प्रभास अर्जुन नाम के यूजर ने लिखा- ‘चुनाव खत्म होते ही आंदोलन भी खत्म हो जाएगा।’