दिल्ली में जहां एक तरफ कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है, वहीं दूसरी ओर दिल्ली की सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन कर रहे हैं। दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी हो रही है जिससे मरीजों की जान जा रही हैं। शनिवार को दिल्ली के जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी से 25 संक्रमित मरीजों ने दम तोड़ दिया। इस बीच सिंघु, गाजीपुर, टिकरी बोर्डर पर बैठे किसानों पर यह आरोप लग रहे हैं कि उनकी वजह से दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन टैंकर पहुंचने में देरी हो रही है। किसान संगठन इस बात से पूरी तरह इंकार कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत इन आरोपों पर भड़क गए और बोले कि हमारे खिलाफ गलत खबरें चलाईं जा रही हैं।

राकेश टिकैत ने कहा, ‘जो दिल्ली के चैनल हैं उन्हें अपने मालिक का नाम जरूर बताना पड़ेगा। मैं दिल्ली के हर चैनल में जाऊंगा, उनके ऑफिस में जाऊंगा, उनका मालिक कौन है, ये बताना पड़ेगा। बिना मां- बाप का चैनल कैसे चला रहें वो। एक दो चैनल हैं जो हमारे खिलाफ़ चलाते हैं। इनको अपना नाम पता बताना पड़ेगा कौन से मालिक के हैं ये।’

राकेश टिकैत ने कहा कि किसान किसी भी तरह से ऑक्सीजन टैंकर को रोकने की कोशिश नहीं कर रहे। वो बोले, ‘हमने दूध नहीं रोका, फल नहीं रोका। उस एजेंसी के खिलाफ जांच जरूर होगी जिसने ये काम किया। कल सुबह के वक्त वो ऑक्सीजन टैंकर लेकर आए और वो टैंकर धरने के बीच से लेकर आए। हमने कहा इसको जल्दी निकाल लो यहां से।

 

वो आगे बोले, ‘सब रास्ते खुले हुए हैं, आवश्यक वस्तुओं के लिए। करीब 300 एंबुलेंस हर रोज वहां से निकलते हैं जो उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से जाती हैं।’ राकेश टिकैत ने कहा कि धरने पर बैठे किसान अगर बीमार होंगे तो अस्पताल जरूर जाएंगे।

 

कोरोना से निपटने की सरकार की नाकामी पर भी उन्होंने सरकार पर हमला किया और बोले, ‘हम अपना इलाज करवा लेंगे, वो पहले हॉस्पिटल का इंतजाम करें, ऑक्सीजन नहीं है, उसका इंतजाम करें। जो बीमार हैं अस्पताल जा रहे हैं उन्हें तो बेड नहीं मिल रहा जबरदस्ती हमें बीमार करके ले जाएंगे, कौन सा गणित है ये?’