Kailash Kher: ‘तेरी दीवानी’ और ‘सैंया’ जैसे रूहानी गाने गा कर यूथ के दिलों पर राज करने वाले कैलाश खेर का आज 46वां जन्मदिन है। आज कैलाश खेर जिस मुकाम पर हैं वहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है। छोटी सी उम्र में कैलाश खेर ने अपना घर छोड़ दिया था। उस वक्त उनकी एज 13 साल थी। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के रहने वाले कैलाश का मन बचपन से ही संगीत में रमा हुआ था। छोटी उम्र में ही उन्होंने संगीत में महारथ हासिल कर ली थी। इसके बाद उन्होंने काफी संघर्ष किया, इतना ही नहीं उन्होंने बच्चों को संगीत भी सिखाया, म्यूजिक ट्यूशन देना भी शुरू किया।

इतनी मुश्किलों से लड़कर जीत हासिल करने वाले कैलाश खेर भी एक समय पर थक कर चूर हो गए थे। कैलाश ने इतनी हिम्मत हार ली थी कि वह अपनी जिंदगी तक खत्म करने को आमादा हो गए थे। साल 1999 में उनकी जिंदगी काफी डिप्रेसिंग हो गई थी। कैलाश ने अपने एक खास दोस्त के साथ मिलकर एक बिजनेस की शरुआत की थी। इस बीच उन्हें काफी घाटा हुआ।

जिस वजह से वह डिप्रेशन में चले गए। इतना ही नहीं जिंदगी की रस्सी पर चलते हुए उनके कदम डगमगाने लगे थे, उन्होंने खुद को खत्म करने की भी सोच ली थी। जी हां, रिपोर्ट्स के मुताबिक कैलाश खेर से सुसाइड करने की सोच ली थी। साल 2001 में कैलाश की दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन पूरी हुई और वह मुंबई आ कर बस गए। उस वक्त कैलाश खेर के पास कुछ भी नहीं था।

तब उनकी मुलाकात संगीतकार राम संपत से हुई। उन्होंने कैलाश खेर को गाने का मौका दिया। इसके बाद कैलाश खेर नहीं रुके और एक के बाद एक कही सूफी हिट गाने दिए जैसे- तेरी दीवानी, हीरे मोती मैं न चाहूं, बम लहरी। कैलाश खेर को पद्मश्री सम्मान प्राप्त हैं। अपने म्यूजिक करियर में कैलाश खेर ने 500 से ज्यादा गाने गाए हैं।

बताते चलें कैलाश खेर ने एक दफा ये भी बताया था कि उनकी आवाज के लिए कई बार उन्हें टोका भी गया था कि वह अच्छा नहीं गाते। लेकिन कैलाश ने अपनी हिम्मत और लगन नहीं छोड़ी और इंडस्ट्री में ऐसे लोगों के बीच रहते हुए उन्होंने एक मुकाम हासिल किया।