बॉलीवुड की ड्रीमगर्ल हेमा मालिनी आज अपना 72वां जन्मदिन मना रही हैं। हेमा मालिनी बॉलीवुड की सबसे कामयाब एक्ट्रेस में से एक हैं। ‘जॉनी मेरा नाम’, ‘अंदाज’ और ‘लाल पत्थर’ जैसी शुरुआती हिट फिल्मों से ‘सपनों के सौदागर’ की ड्रीमगर्ल हेमा मालिनी का नाम बॉलीवुड में चमकने लगा। इसके बाद हेमा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। फिल्म ‘सीता और गीता’ के लिए हेमा को बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड भी मिला। फिर हेमा मालिनी ने फिल्मी पर्दे पर कई सुपरहिट फिल्में दीं। धर्मेंद्र और अमिताभ के साथ आई ‘शोले’ फिल्म ने तो बॉक्स ऑफिस के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। हेमा और धर्मेंद्र ने एकसाथ बॉलीवुड में कई सुपरहिट फिल्में दीं। 2 मई 1980 को हेमा मालिनी ने बॉलीवुड अभिनेता धर्मेंद्र से शादी कर ली।
धर्मेंद्र से शादी के खिलाफ थे हेमा के पिता
हेमा मालिनी के पिता धर्मेंद्र से उनकी शादी के खिलाफ थे। इंडिया टीवी के ‘आप की अदालत’ ने हेमा मालिनी ने बताया था धर्मेंद्र पहले से शादीशुदा थे इसलिए उनके पिता धर्मेंद्र से साथ उनकी शादी के खिलाफ थे। हेमा मालिनी के पिता शादी से पहले फिल्मों में भी धर्मेंद्र के साथ उनकी नज़दीकियों के सख्त खिलाफ थे। इतना ही नहीं ‘चरस’ फिल्म की शूटिंग के दौरान हेमा के पिता गाड़ी की पिछली सीट पर धर्मेंद्र और हेमा के बीच में बैठे थे ताकि दोनों नजदीक ना आ सकें।
धर्मेंद्र को पहले परिवार से कभी दूर नहीं किया
हेमा ने डेक्कन क्रॉनिकल को बताया था मुझे पहली नजर में ही धर्मेंद्र से प्यार हो गया था परंतु मैं इस वजह से किसी की जिंदगी तबाह नहीं करना चाहती थी। धर्मेंद्र से शादी के बाद भी मैंने उनकी पहली पत्नी और बच्चों की जिंदगी में कभी दखलअंदाजी नहीं की। मैंने धर्मेंद्र से शादी जरूर की परंतु उन्हें उनके पहले परिवार से कभी दूर नहीं किया।
कभी नहीं गई धर्मेंद्र के घर
राम कमल मुखर्जी ने अपनी किताब ‘हेमा मालिनी : बेयॉन्ड द ड्रीम गर्ल’ में बताया है कि धर्मेंद्र से शादी के बाद भी हेमा कभी उनके घर नहीं गईं। 2015 में हेमा की बेटी ईशा देओल जरूर अपने चाचा को देखने धर्मेंद्र के घर गईं थीं।
मथुरा से लोकसभा सांसद हैं हेमा मालिनी
2014 में हेमा मालिनी सक्रिय राजनीति में भी आ गईं। 2014 में हेमा ने भाजपा के टिकट पर मथुरा से चुनाव लड़ा था और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पौत्र जयंत चौधरी को हराकर संसद पहुंची। 2019 में हेमा मालिनी आरएलडी के कुंवर नरेंद्र सिंह को तीन लाख वोटों से चुनाव हराकर फिर से लोकसभा की सदस्य बनीं।