कॉमेडियन और बिग बॉस 17 विनर मुनव्वर फारुकी अक्सर अपनी कॉमेडी और दो टूक बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। वो सामाजिक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखते हैं। ऐसे में मेरठ में बीते दिनों ही मुसलमानों को ईद पर सड़कों के किनारे नमाज अदाकरने के खिलाफ चेतावनी दी गई थी। शुक्रवार को मेरठ पुलिस ने फरमान जारी किया था कि नियमों का उल्लंघन करने वालों को पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने सहित कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। ये निर्देश 28 मार्च को रमजान के आखिरी शुक्रवार की नमाज और ईद-उल-फितर के लिए जारी किया गया। जहां लोगों को मेरठ पुलिस का ये फरमान पसंद नहीं आया वहीं, मुनव्वर फारुकी ने भी इसकी आलोचना की है। उन्होंने सवाल किया।
मुनव्वर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की। मेरठ पुलिस के फरमान पर निशाना साधते हुए सवाल किया और लिखा, ’30 मिनट की नमाज के लिए ये? क्या अब भारत में कोई भी त्योहार सड़कों पर नहीं मनाया जाएगा?’ कॉमेडियन ने मेरठ पुलिस का फरमान शेयर करते हुए ये पोस्ट लिखी है। लोगों ने भी मुनव्वर की पोस्ट के बाद उनका सपोर्ट किया है।
आपको बता दें कि इससे पहले मुनव्वर फारुकी उमराह करने की वजह से चर्चा में थे। उन्होंने मक्का से अपनी उमराह की तस्वीरें शेयर की थी। इन फोटोज को शेयर करने के साथ ही उन्होंने मक्का को दुनिया की सबसे खूबसरत जगहों में से एक बताया था। कॉमेडियन ने पोस्ट में लिखा था कि अल्लाह यहां सबको बुलाए। मुनव्वर ने ये भी कहा कि उन्होंने सबके लिए दुआ की और खुद को भी दुआओं में याद रखने के लिए लोगों से कहा था। इस दौरान उनके साथ पत्नी महजबीन कोटवाला भी थीं। गौरतलब है कि मुनव्वर फारुकी ने साल 2024 में गुपचुप तरीके से शादी रचा ली थी। ये दोनों की ही दूसरी शादी है। पहली शादी से दोनों को एक-एक बच्चे हैं।

मुनव्वर पर लगा था धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप
मुनव्वर फारुकी अक्सर अपने बयानों से विवादों में आ जाते हैं। उनका विवादों से पुराना नाता रहा है। हाल ही में उन पर अपने शो ‘हफ्ता वसूली’ के जरिए धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा था। ये सटेरिकल न्यूज रूम कॉमेडी शो है। सोशल मीडिया पर उनके इसी शो को लेकर लोगों ने शो में गंदी भाषा का इस्तेमाल कर अश्लीलता को बढ़ावा देने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया था। इसे बॉयकॉट करने की मांग की थी। इसके पहले वो 2021 में अपने स्टैंड-अप एक्ट के जरिए ही धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार भी हुए थे। उस समय उन्हें एक महीने तक जेल में रहना पड़ा था, जिसके बाद उन्हें जमानत दी गई थी।