Khesari Lal Yadav: खेसारी लाल यादव आज भोजपुरी के नामी फिल्म स्टार बन चुके हैं। उनकी पहचान एक ऐसे एक्टर के तौर पर होती है जिसने एक के बाद एक हिट फिल्में दी है। गरीबी काट कर इस मुकाम पर पहुंचे खेसारी लाल यादव की कहानी कई संघर्षों को समेटे हुई है। वह कई बार इस बात का जिक्र भी कर चुके हैं कि किस तरह से वह इस मुकाम पर पहुंचे हैं। वह भैंस भी चराए और दूध भी बेचे। इसके आलावा उनकी एक और कहानी है जिससे पाठक कम रूबरू होंगे। खेसारी लाल यादव अपने गरीबी के दिनों में किसी और के घर पर रहने को मजबूर थे। इस बात का जिक्र खुद उन्होंने एक इंटरव्यू में किया था।

खेसारी ने इंटरव्यू में कहा था- ‘मैं बिहार के छपरा में नहीं बल्कि राजस्थान में पैदा हुआ था। राजस्थान के बाद जब मैं अपने गांव आया तो मेरा घर गिर गया था। काफी परेशानी हुई थी इस दौरान। मेरे पिता जी सिर पर चना और सत्तू लेकर बेचा करते थे। यह काफी दिनों तक चलता रहा। फिर मैं भैंस चराने लगा। दूध भी बेचा मैंने। इसी गरीबी में मेरी शादी हो गई और खर्च चलाने के लिए दिल्ली के ओखला में मैं और पत्नी लिट्टी-चोखा बेचने का काम करने लगे।’

गरीबी के दिनों के को याद करते हुए खेसारी ने आगे कहा कि ‘वह जब भी दिल्ली जाते हैं ओखला की धरती को प्रणाम करके ही आते हैं।’ बात दें किॆ खेसारी लाल यादव दिल्ली के ओखला (संजय कॉलोनी) में पत्नी के साथ लिट्टी-चोखा बेचा करते थे। वह करीब एक साल तक लिट्टी चोखा बेचने का काम किए थे। खेसारी की यहीं से गाने की शुरुआत हुई थी। लिट्टी बेचकर जुटाए पैसों से ही अपने गाने का पहला एल्बम निकाला था। हालांकि वह एल्बम फ्लॉप हो गया था। फिर काफी कठिनाइयों को पार करते हुए खेसारी ने भोजपुरी के इस मुकाम को हासिल किया।

(और ENTERTAINMENT NEWS पढ़ें)