भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री में जुबली स्टार के नाम से मशहूर दिनेश लाल यादव (Dinesh Lal Yadav) उर्फ निरहुआ (Nirahua) यूं तो आज बड़ी शख़्सियत बन चुके हैं लेकिन उनका बचपन काफी गरीबी में गुजरा। निरहुआ का जन्म उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के टंडवा में हुआ लेकिन परिवार के हालात ऐसे थे कि कम उम्र में ही उनको पिता के साथ कोलकाता (अब कलकत्ता) का रुख करना पड़ा। पिता की छोटी सी नौकरी थी और खाने वाले परिवार में 7 लोग थे।
झोपड़ पट्टी में निरहुआ ने बिताया बचपन
पिता की कलकत्ता में छोटी सी नौकरी थी। महज 3500 रुपए महीने की नौकरी। लिहाजा वह निरहुआ को लेकर कलकत्ता के एक झोपड़ पट्टी में रहते थे। यहीं निरहुआ का बचपन बीता। बाद के दिनों में निरहुआ के साथ उनके छोटे भाई प्रवेश लाल यादव भी कलकत्ता में रहने चले गए। दोनों ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा यहीं पूरी की।
2003 में निरहुआ का ‘दोबारा हुआ जन्म’
दिनेश लाल यादव जब कलकत्ता से गाजीपुर के अपने गांव लौटे तो कुछ करने की चाह में अपने बड़े भाई और बिरहा के लोकप्रिय गायक विजय लाल यादव के साथ कोरस करने लगे। लेकिन वह अपनी अलग पहचान बनाना चाहते थे। काफी कोशिशों के बाद निरहुआ ने साल 2001 में दो एल्बम निकाला। ‘बुढ़वा में दम बा’ और ‘मलाई खाए बुढ़वा’।
गाने के कैसेट बाज़ार में आ गए लेकिन यह ज्यादा हिट नहीं हुए। कुछ वक्त के बाद साल 2003 में दिनेश लाल यादव ने ‘निरहुआ सटल रहे’ नाम से एक और म्यूजिक एल्बम रिलीज किया। इसके गाने इतने लोकप्रिय हुए कि निरहुआ रातों-रात स्टार बन गए। यहीं से दिनेश लाल यादव को लोग निरहुआ पुकारने लगे। इसकी कामयाबी के बाद निरहुआ ने कहा था कि उनका दोबारा जन्म हुआ है।
छैला बिहारी की फिल्म से से हुई एक्टिंग की शुरुआत
निरहुआ साल 2005 में मुम्बई चले गए। जहां उनको पहला ब्रेक भोजपुरी गायक सुनील छैला बिहारी की फिल्म ‘चलत मुसाफिर..’ में मिला। इस फिल्म में निरहुआ ने दो गाने गए और अभिनय भी किया। इसमें उन्होंने छैला बिहारी के दोस्त का किरदार निभाया। यहीं से निरहुआ को फिल्मों के रोल ऑफर होने लगे। इसके बाद निरहुआ ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। दिनेश लाल यादव फिल्मों के अलावा अब राजनीति में भी सक्रिय हो गए हैं। निरहुआ आज एक फिल्म की 45 से 50 लाख फीस लेते हैं।