भोजपुरी अभिनेता मनोज तिवारी बीजेपी में जाने से पहले समाजवादी पार्टी के नेता थे। समाजवादी पार्टी में रहते हुए उन्होंने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। मनोज तिवारी ने बाद में समाजवादी पार्टी छोड़ दी थी। पार्टी छोड़ने के पीछे की वजह का जिक्र करते हुए मनोज तिवारी ने The Kapil Sharma Show पर बताया था कि वो गए थे समाजवाद को समझने लेकिन उनके साथ धोखा हो गया।

शो पर कपिल शर्मा ने उनसे पूछा था, ‘मनोज भईया, आपके बारे में एक अफवाह है कि बचपन से ही आपको साइकिल चलाने का शौक है इसलिए किसी ने कहा आपसे कि हमारी पार्टी में आ जाओ।’

जवाब में मनोज तिवारी ने कहा, ‘मेरे जीवन में साइकिल का बहुत महत्व रहा है। हम लोग चार किलोमीटर साइकिल चलाकर हर रोज स्कूल जाते थे फिर चार किलोमीटर साइकिल चलाकर आते थे। साइकिल मेरे लिए सपना था, ये बात अलग है कि मैं थोड़े दिनों के लिए समाजवादी पार्टी में था। ये अफ़वाह नहीं है, सच है।’

उन्होंने आगे बताया, ‘समाजवाद को समझने गए थे, बाद में वैसे ही जैसे मेकअप का धोखा होता है, वैसे ही हो गया।’ समाजवादी पार्टी की तरफ से मनोज तिवारी ने साल 2009 के 15वें लोकसभा चुनाव में हिस्सा लिया था। इस चुनाव में वो बीजेपी के योगी आदित्यनाथ के खिलाफ खड़े हुए थे जहां उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था।

 

जब साल 2010 में समाजवादी पार्टी ने अमर सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया तब मनोज तिवारी ने पार्टी छोड़ दी। अमर सिंह के साथ अभिनेत्री जया प्रदा को भी पार्टी से निष्कासित किया गया था।

 

मनोज तिवारी ने पार्टी के इस कदम पर एक बयान में कहा था, ‘अमर सिंह मुझे राजनीति में लाए थे और जब उन्होंने ही पार्टी छोड़ दी तो कोई वजह नहीं बचती मेरे पार्टी में होने की।’ उन्होंने पार्टी को आलोचना करते हुए कहा था कि अमर सिंह ने पार्टी को आगे ले जाने में बहुत योगदान दिया था लेकिन फिर भी पार्टी ने उन्हें निकाल दिया।