भोजपुरी से लेकर बॉलीवुड, साउथ और ओटीटी तक में एक्टिंग का लोहा मनवा चुके एक्टर रवि किशन (Ravi Kishan) आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। वो फिल्मों के साथ-साथ राजनीति में भी काफी एक्टिव हैं। बीजेपी से गोरखपुर के सांसद भी हैं। आज वो भले ही इंडस्ट्री के एक सफल एक्टर के तौर पर जाने जाते हैं लेकिन, यहां तक पहुंचना उनके लिए भी आसान नहीं था। एक जमाना था, जब वो मिट्टी के घर में रहते थे। मां के पास साड़ी नहीं थी। पिता का दुकान में काफी घाटा हो गया था। वो दूध की डेयरी चलाते थे। ऐसे में उनके बारे में बहुत कम ही लोग जानते होंगे कि रवि किशन मंदिर और पिता की दुकान से सिक्के चुराते थे। इस किस्से के बारे में उन्होंने खुद बताया है चलिए बताते हैं इसके बारे में…
दरअसल, भोजपुरी स्टार रवि किशन एक बार रजत शर्मा के शो ‘आपकी अदालत’ में शिरकत की। इस दौरान एक्टर ने अपने जीवन से जुड़ी काफी चीजों से पर्दा उठाया था। इस बातचीत में उन्होंने स्ट्रगल के दिनों को भी याद किया था कि कैसे वो कास्टिंग काउच का शिकार हुए थे। साथ ही जिगोलो बनने का ऑफर मिला था। फिल्मों में काम मिलता था तो पैसे नहीं मिलते थे। इसी बातचीत में रवि ने ये भी बताया था कि कैसे वो मंदिरों और पिता की डेयरी की दुकान से सिक्के चुराया करते थे।
इस दौरान रवि किशन से रजत शर्मा ने पूछा था, ‘मंदिर में से चोरी भी करते थे आप?’ इस पर एक्टर ने जवाब दिया, ‘हनुमान जी का मंदिर था और वहां पर शनिवार को पैसे चढ़ते थे ज्यादा। मैं भी वहां जाकर फेरे लेते था। क्योंकि वहां पर सिक्के चिपके रहते थे। 10, 5, 20 पैसे चिपके होते थे। एक-एक राउंड मारता था तो एक बार में एक दो सिक्का मार लेता था। उनके तिलक रहता था तो लोग उनके तिलक पर सिक्के चिपकाते थे और वो पैसे मैं मार लेता था।’ इसके बाद रजत शर्मा उनसे पूछते हैं, ‘पिता जी की दुकान से भी पैसे चुरा लेते थे?’
इस पर रवि किशन ने बेबाकी से जवाब दिया और इस बात को भी कबूला। वो कहते हैं, ‘हां, हां कई बार चुराए हैं। पिता जी की दूध की दुकान थी वहां से भी पैसे चुराता था।’ आगे पिता के द्वारा पिटाई को लेकर उन्होंने कहा, ‘पिताजी बहुत मारते थे। उनके पास एक लैदर का पट्टा होता था। उससे मार पड़ती थी। इसलिए आज बहुत मजबूत हूं।’
जब पिता ने पकड़ा रंगे हाथ, 500 रुपए लेकर भागे
फिर, रवि किशन से रजत शर्मा ने सवाल किया कि ‘अब देखिए पुजारी का बेटा। झूठ भी बोले, चोरी भी करे और फिर चुपचाप मुंबई भी पहुंच जाए हीरो बनने के लिए?’ इस पर रवि किशन जवाब देते हैं, ‘चुपचाप नहीं। एक दिन मेरे पिताजी ने मुझे रंगे हाथ सीता बने हुए पकड़ लिया था और इतना मारे थे मुझे कि लगा था कि मेरी डेथ हो जाएगी। वो बहुत गुस्से वाले थे तो मेरी मां ने मुझे 500 रुपए दिए थे कि बच्चे भाग जाओ नहीं तो तू बचेगा नहीं। यहां से निकल जा ट्रेन पकड़कर। मैं अपनी जान बचाने के लिए भागा था। अगर मैं उस दिन भागता नही तो पिता जी मेरी उस दिन हत्या कर देते। अगर वो उस दिन मुझे नहीं मारते तो आज मैं यहां नहीं होता। उनका मारना अच्छा हुआ।’