भोजपुरी एक्टर संजय पांडे (Sanjay Pandey) किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। वो फिल्मों में अपने दमदार अभिनय के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने एक्टिंग के दम इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई है। वो ना केवल देश में बल्कि विदेशों में भी फिल्मों की शूटिंग के लिए जाते हैं। वो सिनेमा जगत के फेमस विलेन हैं कई बार लोगों की भीड़ उन्हें ‘गुंडा’ कहकर भी बुलाती है। इन किस्सों को वो खूब खुशमिजाजी के साथ सुनाते हैं और कई बार सोशल मीडिया पर भी जिंदगी से जुड़े कुछ किस्से सुनाते हैं। ऐसे में अब उन्होंने एक ऐसा किस्सा सुनाया है जब उन्हें फ्लाइट में चाय की बजाय व्हिस्की दी गई। एक्टर ने इस पर गुस्सा निकाला है।
दरअसल, भोजपुरी स्टार संजय पांडे अपनी किसी अपकमिंग फिल्म की शूटिंग के लिए बीते दिनों ही लंदन जा रहे थे। इसी दौरान का एक किस्सा उन्होंने फेसबुक पर शेयर किया है, जब उन्हें फ्लाइट में मॉर्निंग टी की जगह व्हिस्की दी गई। उन्होंने इसकी शिकायत फ्लाइट स्टाफ को दी मगर फिर भी वहां से जवाब ये आया कि लेना हो तो लें वरना…।
एक्टर ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘हवाई जहाज से लंदन का सफर, सुबह 5.30 की फ्लाइट, बैठते ही सो गए … सुबह 10 बजे आंख खुलती है, मैं और मेरे जैसे शायद बहुत से लोग, सुबह सबसे पहले चाय पीना पसंद करते है और मेरा तो खासकर दिन ही नहीं शुरू हो पाता अगर चाय ना मिले, मैं उम्मीद में था कि air India की फ्लाइट है और flight में भी सारे भारतीय ही बैठे थे लगभग-लगभग तो सबसे पहले चाय आएगी, पर उस वक्त मैं शॉक्ड रह गया जब देखा कि चाय की जगह शराब सर्व हो रही, मेरे अचरझ की सीमा ना रही, मैंने सोचा कि सुबह-सुबह दारू कौन पीता है भाई, फ्लाइट के स्टाफ से मैंने कहा कि मुझे चाय चाहिए, वो बोले सर 3 घंटे बाद मिलेगी, मैंने पूछा आप लोग अपने घर में सुबह-सुबह व्हिस्की पीते हैं क्या? वो बोले नहीं सर, चाय पीते हैं मैंने कहा तो हमें ये क्यों पिला रहे हैं वो बोले सर मेनू हम नहीं डिसाइड करते वो ऊपर से तय होता है।’
उड्डयन मंत्रालय और एयर इंडिया से की गुजारिश
भोजपुरी एक्टर आगे लिखते हैं,’मेरी थोड़ी बहस भी हुई इस बात को लेकर और मैं यही सोचता रहा कि ये ऊपर कौन लोग बैठे हैं, जो ये तय कर रहे हैं कि आप को सुबह-सुबह यही मिलेगा, पीना है पियो वरना …..पता नहीं मेरी ये बात कहां तक पहुंचेगी पर मैं उड्डयन मंत्रालय, एयर इंडिया के अधिकारियों से गुजारिश करूंगा कि प्लीज इस नियम को बदलिए और सुबह चाय पीना तो हमें शायद ब्रिटिश ने ही सिखाया है। दारू तो सुबह-सुबह वो भी नहीं पीते।’