फिल्म- बैड न्यूज
समय अवधि- 2 घंटे 22 मिनट
डायरेक्टर- आनंद तिवारी
स्टार कास्ट- विक्की कौशल, तृप्ति डिमरी, एमी विर्क और अन्य
रेटिंग- 2/5
कभी-कभी कुछ फिल्में ऐसी होती हैं, जिनकी समीक्षा कर पाना बड़ा ही मुश्किल हो जाता है। क्योंकि अक्सर आपने देखा होगा कि फिल्म की समीक्षा का आधार ना केवल उसकी कहानी और एक्टिंग पर निर्भर करती है बल्कि मूवी की समीक्षा टेक्निकली भी निर्भर करती हैं। लेकिन, ऐसे में कई बार ये पैमाने भी कुछ फिल्मों के आगे फीके पड़ जाते हैं। कुछ ऐसी ही फिल्म विक्की कौशल, तृप्ति डिमरी और एमी विर्क की मूवी ‘बैड न्यूज’ है। इसके नाम से तो लगा रहा होगा कि इसका क्या ही कॉन्सेप्ट होगा। कुछ नेगेटिव होगा। लेकिन, मूवी मेडिकल साइंस के एक ऐसे शब्द से रूबरू कराती है, जिसके बारे में आपने पहले कभी शायद ही सुना होगा। ऐसे में अगर आप भी इस कॉमेडी फैमिली ड्रामा मूवी को देखने का मन बना रहे हैं तो पहले इसके बारे में जान लीजिए। आइए बताते हैं…
कहानी में नहीं दम, लेकिन कॉन्सेप्ट नया है
फिल्म ‘बैड न्यूज’ की कहानी की बात की जाए इसमें कुछ खास दम नहीं है लेकिन, इसका नया कॉन्सेप्ट आपके अंदर इंटरेस्ट पैदा करता है आखिर मामला क्या है? मेडिकल साइंस का वो शब्द क्या है। इसके पहले आपने ‘गुड न्यूज’ में देखा था कि स्पर्म चेंज हो जाने की वजह से करीना कपूर, दिलजीत के बच्चे के लिए प्रेग्नेंट होती हैं और कियारा आडवाणी, अक्षय कुमार के बच्चे के लिए। लेकिन, ‘बैड न्यूज’ का कॉन्सेप्ट एकदम ही अलग है। इसमें मेडिकल साइंस के एक शब्द ‘Case of Heteropteran Super Fecundation’ से मेकर्स रूबरू कराते हैं। ये मेडिकल साइंस वालों के लिए नया नहीं होगा लेकिन आम लोगों के लिए नया है। इसके अलावा मूवी से आप इमोशनली भी कनेक्ट होते हैं। इसमें कॉमेडी के साथ जबरदस्त इमोशन देखने के लिए मिलता है। इसका कहानी दिल्ली की है। साथ में इसमें पंजाबी तड़का है।
फिल्म का डायरेक्शन
वहीं, अगर ‘बैड न्यूज’ के डायरेक्शन पर नजर डाली जाए तो इसका निर्देशन आनंद तिवारी ने ही किया है। इसके पहले उन्होंने अक्षय कुमार और करीना कपूर की फिल्म ‘गुड न्यूज’ का निर्देशन किया था। उन्होंने इस मूवी के साथ ही नए कॉन्सेप्ट से रूबरू करवाया है। लेकिन, फिल्म की शुरुआत थोड़ी धीमी होती है। एक पल के लिए लगेगा कि इसे क्या और क्यों ही बनाया गया है। शुरुआत में सबकुछ जल्दी जल्दी हो जाता है, इसकी वजह से थोड़ी ऊबाऊ हो जाती है। लेकिन, जैसे-जैसे इसका कहानी आगे बढ़ती है तो आप फिल्म से कनेक्ट होते हैं। वहीं, फिल्म की अगली कड़ी की बात की जाए तो इसका सेकंड हाफ कमाल का है, जिसमें भर-भर कर कॉमेडी और इमोशनल सीन है। रिश्तों में उलझी ये फिल्म इंटरवल के बाद सीट से बांधे रखने में मदद रखती है। कुल मिलाकर फिल्म 2 घंटे 22 मिनट की है, जिसे दो घंटे में ही खत्म किया जा सकता था।
एक्टिंग ने डाली फिल्म में जान
‘बैड न्यूज’ में विक्की कौशल ने अखिल चड्ढा, तृप्ति डिमरी ने सलोनी बग्गा, एमी विर्क ने गुरबीर का रोल प्ले किया है। तीनों ने अपनी एक्टिंग के साथ न्याय किया है। फिल्म की कहानी इसी के इर्द-गिर्द घूमती है। इन्हें बराबर स्क्रीन स्पेस मिला है। इनकी एक्टिंग ने फिल्म में जान डालने का काम किया है। विक्की दिल्ली के पंजाबी लड़के के किरदार में खूब जमते हैं और उनकी एक्टिंग जबरदस्त है। वो फिल्म में खूब हंसाते हैं। वहीं, ‘एनिमल’ में काम करने के बाद तृप्ति डिमरी की छवि बोल्ड एक्ट्रेस वाली हो गई है, जिसका इस्तेमाल फिल्म के कुछ सीन्स में किया गया था लेकिन, सेंसर बोर्ड की कैंची के बाद उन सीन्स को फिल्म से काट दिया गया है। कुल मिलाकर उनका भी काम ठीक-ठाक है। एमी विर्क ने अपनी एक्टिंग से दर्शकों का दिल जीत लिया। उनका किरदार भी खूब हंसाता है।
इसके साथ ही फिल्म में अनन्या पांडे और नेहा शर्मा के साथ नेहा धूपिया ने स्पेशल अपीयरेंस दी है। नेहा शर्मा की एंट्री कमाल की होती है। एक मिनट के सांसे थम जाएगी कि अरे अब ये कौन आ गया।
फिल्म के गाने और म्यूजिक
‘बैड न्यूज’ के गाने और म्यूजिक की बात की जाए तो ये कमाल के हैं। फिल्म की हर कड़ी को मजबूत बनाते हैं। इसकी कहानी की शुरुआत पंजाबी पार्टी सॉन्ग से ही होती है। इसके बाद मूवी में कुछ 90 के दशक के गानों का भी तड़का लगेगा, जिसे पहले ही रिलीज किया जा चुका है। वो दर्शकों वैसे तो पसंद नहीं आया था लेकिन फिल्म की कहानी के साथ जोड़ते हुए शायद आपको पसंद आ जाए। इसके गानों और म्यूजिक को पंजाबी बीट पर तैयार किया गया है।
क्या देखनी चाहिए फिल्म?
अब अंत में बात की जाए कि फिल्म ‘बैड न्यूज’ को देखा जाए या नहीं। देखिए अगर आप स्टोरी की तलाश में जाएंगे तो फिर आपको ये खास पसंद नहीं आएगी। एक पल के लिए आपको लगेगा कि फिल्म को क्यों बनाया है क्योंकि इसमें सस्पेंस नहीं है। सब साफतौर से स्टेप वाइज दिखा गया है। लेकिन, इसका क्लाइमैक्स आपकी आंखों में आंसू ला देगा। वहीं, अगर टेक्निकली चीजों के दरकिनार कर दें सिर्फ एंटरटेनमेंट के लिए फिल्म देखना चाहते हैं तो ये आपके लिए पैसा वसूल है। फिल्म में मेडिकल साइंस के एक नए शब्द से रूबरू होंगे। लेकिन, इसे कुछ ज्यादा एक्सप्लेन नहीं किया गया है। मगर इससे होने वाली परेशानी के बारे में जरूर बताया गया है। कुल मिलाकर आप इसे परिवार के साथ वीकेंड पर देख सकते हैं। मगर ध्यान रहे दिमाग को घर छोड़कर जाएं। ज्यादा दिमाग ना लगाएं।