हिंदी सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन को फिल्म इंडस्ट्री में 56 सालों से भी ज्यादा समय हो चुका है। इस फिल्मी करियर में शुरुआत से जो उनके साथ जुड़े हैं वो हैं उनके भरोसेमंद मेकअप आर्टिस्ट दीपक सावंत। जिन्हें अमिताभ को तैयार करते हुए 53 साल हो गए। उनकी पहली मुलाकात 1972 में आई फिल्म ‘रास्ते का पत्थर’ के सेट पर हुई थी। दशकों में उनका रिश्ता इतना गहरा होता गया कि महानायक ने सावंत द्वारा निर्मित भोजपुरी फिल्मों में भी काम किया है। उनकी फिल्मों में ‘गंगोत्री’ (2007) और ‘गंगा देवी’ (2012) शामिल हैं, जिनमें अभिनेत्री जया बच्चन भी एक अहम भूमिका में थीं।
इतने सालों के बाद, दीपक ने हाल ही में अपने लंबे समय से चले आ रहे रिश्ते और मेगास्टार के प्रति अपनी अटूट निष्ठा पर विचार किया। रील टू रियल यूट्यूब चैनल पर खास बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, “मैं अक्सर भगवान से कहता हूं कि मुझे उन पर और उनके बाद अमिताभ बच्चन पर पूरा विश्वास है। उन्होंने मुझे और मेरे परिवार को जो प्यार और सम्मान दिया है, वो शब्दों से परे है। उनके स्वभाव के कारण, मैं हमेशा उनके लिए कुछ भी करने को मजबूर रहता हूं। अगर मुझे कभी उनके लिए लड़ना पड़े, तो मैं लड़ूंगा। अगर अमिताभ बच्चन के लिए लड़ना पड़े, तो मैं अपनी जान की भी परवाह नहीं करूंगा।”
16-16 घंटे काम करते हैं अमिताभ बच्चन
बिग बी के काम करने के तरीके के बारे में बात करते हुए, सावंत ने बताया कि अभिनेता ने हमेशा ये सुनिश्चित किया है कि किसी भी निर्माता को उनकी वजह से नुकसान न हो। सावंत ने बताया, “ऐसा न हो, इसके लिए वो हमेशा तय समय से कम से कम 30 मिनट पहले सेट पर पहुंच जाते हैं। वो किसी निश्चित शिफ्ट का पालन नहीं करते। जरूरत पड़ने पर वो लगातार 16 घंटे काम करते हैं और जब तक निर्माता उन्हें ऐसा करने के लिए नहीं कहते, तब तक काम नहीं छोड़ते।” उन्होंने आगे कहा, “शुरू से ही ये उनकी दिनचर्या रही है और आज भी जारी है।”
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10 बार करते हैं रिहर्सल
दीपक ने बताया कि इंडस्ट्री में पांच दशक से ज्यादा समय बिताने के बाद भी बिग बी का अपने काम के प्रति समर्पण बेजोड़ है। सावंत ने कहा, “मैं उन्हें ‘रास्ते का पत्थर’ से जानता हूं। एक सीन को 50 से ज्यादा बार पढ़ने की उनकी आदत आज भी वैसी ही है। हर टेक से पहले वो कम से कम 10 बार रिहर्सल करते हैं। उन्हें उम्मीद नहीं होती कि कोई और उनके साथ होगा। वो अकेले ही प्रैक्टिस करते हैं। फिर भी, उनका पहला टेक हमेशा सबसे अच्छा होता है। यहां तक कि जब दूसरा टेक होता है, तब भी पहला टेक सबसे अलग दिखता है।”
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सावंत ने आगे दावा किया कि उनके जैसा कोई स्टार नहीं हुआ। उन्होंने कहा, “पिछले 50 सालों में, मैंने अमिताभ बच्चन जितना समय का पाबंद और अनुशासित अभिनेता नहीं देखा। अक्षय कुमार कुछ हद तक समय की पाबंदी का पालन करते हैं, लेकिन उनके भी काम के घंटे तय हैं। वो एक निश्चित समय पर आते हैं और एक निश्चित समय पर जाते हैं। वहीं दूसरी ओर, अमिताभ बच्चन लगातार 16 घंटे काम कर सकते हैं और फिर भी अगली सुबह समय पर सेट पर लौट आते हैं। वह तब तक नहीं जाते जब तक निर्माता पैक अप करने का आदेश न दे।”