असम विधानसभा चुनाव के बीच बीजेपी विधायक की गाड़ी से ईवीएम मिलने की घटना पर राजनीतिक हलचल और तेज हो गई है। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं ने इस पर बीजेपी पर जमकर हमला बोला है। राहुल गांधी ने कहा है कि चुनाव आयोग की गाड़ी खराब, बीजेपी की नियत खराब और लोकतंत्र की हालत खराब। इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर भी लोग जमकर लिख रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी की है।

पुण्य प्रसून बाजपेयी ने इस मसले पर अपने ट्विटर पर व्यंगात्मक अंदाज में लिखा, ‘मैं तो रास्ते से जा रहा था.. ईवीएम ले जा रहा था..तुझको मिर्ची लगी तो मैं क्या करूं?’ बाजपेयी के इस ट्वीट पर यूजर्स की ढेरों प्रतिक्रिया सामने आ रही है।

स्वामी रामशरणचार्य नाम से एक यूजर लिखते हैं, ‘आतंकवादी ब्रिटिश कांग्रेसी संगठनों ने जानबूझ कर उनकी गाड़ी में मशीन रखी जिसका प्रमाण भी मिल चुका है। ये भाजपा के सभी विधायक और सांसद भी आंख मूंदकर प्रचार- प्रसार करते हैं। ये अपने दुश्मन आतंकवादी ब्रिटिश कांग्रेसी संगठनों से बिलकुल भी सतर्क नहीं रहते।’

 

संदीप सिंह राजदान नाम से एक यूजर लिखते हैं, ‘बीजेपी कार्यकर्ता तो बस मदद के लिए वहां इत्तेफाक से पहुंच गए थे। ऐसा इत्तेफाक जॉली एलएलबी 2 में सिंह साहब के साथ ही होता था या आजकल इलेक्शन कमिशन के साथ हो रहा। बाकी खबरदार कोई बोला कि ईवीएम घोटाला हुआ है – देशद्रोही कहलाओगे।’

कमलेश वांखडे नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘ईवीएम भी अब आत्मनिर्भर बन गई है, जिसकी गाड़ी में मन करता है, वहां जाकर बैठ जाती है।’ ऋतुराज नाम से एक यूजर लिखते हैं, ‘फिर तो हर जगह बीजेपी की ही सरकार बननी चाहिए। पर हर जगह तो बीजेपी नहीं है।’

 

चुनाव आयोग ने इस पूरे मामले पर कहा है कि निर्वाचन अधिकारी की गाड़ी खराब हो गई थी जिसके बाद अधिकारी ने बीजेपी प्रत्याशी से लिफ्ट लिया था। चुनाव आयोग को जिला निर्वाचन अधिकारी ने जो रिपोर्ट भेजी है उसमें बताया है कि निर्वाचन अधिकारी को जानकारी नहीं थी कि गाड़ी बीजेपी नेता की है।

 

इस घटना के सामने आने के बाद चुनाव आयोग ने असम के रतबारी विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केंद्र पर दोबारा मतदान करवाने के आदेश दिए हैं। चुनाव आयोग ने इस मामले से संबंधित निर्वाचन अधिकारी और 3 अन्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया है