लौह पुरुष कहे जाने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर 31 अक्टूबर को तमाम नेताओं ने उन्हें याद किया, जिसमें कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और राहुल गांधी भी शामिल थे। दोनों नेताओं ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें याद किया।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने लिखा- ‘लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी ने बारदोली सत्याग्रह में किसानों के हक, स्वाभिमान और सम्मान की आवाज बुलंद की। उनका संघर्ष हमें किसानों को कुचले जाने के खिलाफ एवं किसानों के हक के लिए न्याय की लड़ाई में चट्टान की तरह डटे रहने की प्रेरणा देता है। सादर नमन।’
उधर, राहुल गांधी ने लिखा, ‘आज जब हमारे लोकतंत्र के सभी स्तंभ कमज़ोर किए जा रहे हैं, हमें सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान को याद करना होगा। इन स्तंभों का निर्माण करने वाले कांग्रेस नेताओं में से एक महत्वपूर्ण आवाज़ उनकी भी थी। लोकतंत्र की रक्षा करना ही सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि है। सादर नमन।’
राहुल और प्रियंका की इस पोस्ट पर फिल्ममेकर अशोक पंडित ने तीखी टिप्पणी की। उन्होंने प्रियंका की पोस्ट पर पलटवार करते हुए लिखा, ‘मैडम आज पूरा देश हर्ष और उल्लास के साथ वल्लभभाई पटेल की बरसी मना रहा है! आपके परिवार ने तो पटेल और शास्त्री जैसे कई नेताओं का नामों निशान मिटा दिया था। सिर्फ़ नेहरू और गांधी परिवार चालीसा पढ़ते रहे। पीएम मोदी आपका बहुत बहुत शुक्रिया इनको याद दिलाने के लिए!’
वहीं राहुल गांधी की पोस्ट पर उन्होंने टिप्पणी की-‘इमरजेंसी लगाने वाले बेशर्मी से लोकतंत्र के स्तंभों पर प्रवचन दे रहे हैं। 70 सालों तक सिर्फ़ आपने नेहरू-गांधी परिवार का राग अलापने वालों को मोदी जी ने वल्लभभाई पटेल जी के बारे में कुछ कहने के लिए मजबूर कर दिया है। दिल पर पत्थर रखा हुआ है।’
इन पोस्ट पर ढेरों लोगों के रिएक्शन भी सामने आने लगे। राजेश नाम के एक यूजर ने कहा- ‘पंडित जी, कांग्रेस ने तो हमेशा याद रखा। आपने रखा शास्त्री और सरदार को याद? पर आपको तो मजबूरी में याद करना ही पड़ता है, कांग्रेस के गांधी शास्त्री और सरदार को।’ एक अकाउंट से कमेंट सामने आया- ‘बढ़ियां याद दिला रहे हो पंडित जी, पटेल स्टेडियम अब मोदी स्टेडियम हो गया है।’
पुष्कर नाम के शख्स ने लिखा- ‘फांसी पर झूलते रहे देश भक्त, चमचे फिर भी मौन थे, हमें पढ़ाया गया कि नेहरू महान तो सरदार पटेल कौन थे?’ एक अकाउंट से कमेंट सामने आया- ‘ये कौन-सी किताब में लिखा है, जरा किताब का नाम बताओगे!’