अरशद वारसी जितने फेमस बॉलीवुड अभिनेता हैं, उतना ही वह अपनी पर्सनल लाइफ को लाइमलाइट से दूर रखते हैं। एक्टर ने मारिया गोरेटी से इंटरफेथ वेडिंग की, लेकिन उनके लिए यह शादी करना इतना आसान नहीं था। अरशद को इसके लिए काफी पापड़ बेलने पड़े थे। दरअसल, मारिया कैथोलिक हैं और उनके माता-पिता को अरशद शुरुआत में पसंद नहीं थे। एक्टर के सास-ससुर इस शादी को लेकर थोड़ा घबराए हुए थे। अब हाल ही में ‘सर्किट’ ने एक इंटरव्यू में मारिया के साथ अपनी पहली मुलाकात और अपने सास-ससुर को लेकर बात की है।
ऐसे शुरू हुई लव स्टोरी
अरशद ने हाल ही में लल्लनटॉप को एक इंटरव्यू दिया, जिसमें उनसे पूछा गया कि मारिया से कब मिले आप। इसके जवाब में अभिनेता ने कहा, “मुझे बुलाया गया था जेवियस कॉलेज में एक उनका कॉम्पिटिशन होता था, तो वो जज करने के लिए बुलाया था मुझे और मैं गया। मेरा एक दोस्त है रवि बहल उसने मुझे कहा था कि एक लड़की है एंड्रस की एक लड़की हो, जो इसमें भाग ले रही है। उसकी स्माइल बहुत अच्छी है।”
अरशद ने आगे कहा, “वहां जाने के बाद मैं देखने लगा कि किसकी स्माइल अच्छी है, तब मुझे मारिया दिखी। फिर मैंने उसे थिएटर करने के लिए ऑफर किया और उसने मना कर दिया। इसके बाद एक बार हम उसी एंड्रस स्कूल में परफॉर्म कर रहे थे और वह वहां उसे देखने आई थी, उसे वो शो पसंद आया। इसके बाद उसने हमें ज्वाइन कर लिया। धीरे-धीरे वह अच्छा करने लगी और मेरी असिस्टेंट बन गई। मुझे पता था वह मुझे पसंद करती है, लेकिन वह हमेशा मना कर देती। हालांकि, बाद में वह मान गई।”
घबरा गए थे अरशद के सास-ससुर
अपने इसी इंटरव्यू में अरशद ने आगे बताया कि मारिया के माता-पिता घबरा गए थे, क्योंकि यह अलग-अलग धर्मों के बीच की शादी थी। अभिनेता ने कहा, “वो थोड़ा घबराए हुए थे कि कैथलिक गर्ल, मुस्लिम बॉय। वह दोनों बहुत शरीफ हैं। वह रोज सुबह चर्च जाना, उनकी लाइफ में जीसस क्राइस्ट के अलावा कुछ नहीं है। वो थोड़े से घबराए हुए थे, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि मारिया किसी दूसरे कैथोलिक लड़के से शादी करेगी, जो 9-5 की नौकरी करेगा। इसने मुस्लिम लड़का पकड़ लिया और वो भी बेरोजगार।”
लास्ट में अरशद ने कहा, “बाद में उन्हें भरोसा हुआ कि मुझसे अच्छा कोई नहीं है। उनके दिल में यह बात थी कि वह अच्छा इंसान है। उन्हें यह भरोसा था कि वह हमारी बेटी का ख्याल रखेगा, लेकिन धीरे-धीरे उन्हें एहसास हुआ कि मुझसे बेहतर कोई है ही नहीं। वे अब बहुत खुश हैं। मेरे साथ रहते हैं। उनकी सेल्फ रिस्पेक्ट उन्हें अपने घर में रहने पर मजबूर करती है, लेकिन हम किसी भी तरह जुगाड़ करके उन्हें यहां ले आए।”
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