टीआरपी स्कैम में जब से रिपब्लिक टीवी का नाम सामने आया है तब से रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी मुंबई पुलिस के कमिश्नर परम बीर सिंह पर लगातार हमलावर हैं। परम बीर सिंह ने ही कुछ दिनों पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए रिपब्लिक टीवी समेत कुछ चैनलों पर पैसे देकर टीआरपी में कथित हेर फर का फंडाफोड़ किया था। अभी इस मामले में जांच चल रही है।

रिपब्लिक टीवी के डिबेट शो, ‘पूछता है भारत’ में अर्नब गोस्वामी ने ऑप इंडिया की एक स्टोरी का हवाला देते हुए कहा कि परम बीर सिंह ने अपने पुलिस कर्मियों को एक व्यक्ति के घर भेजकर उसे रिपब्लिक भारत के खिलाफ बोलने के लिए उकसाया और फर्जी केस बनाने के लिए कहा। अर्नब गोस्वामी का ये भी कहना है कि मुंबई पुलिस ने उनके हज़ार कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। अर्नब गोस्वामी ने कहा, ‘विटनेस मेनुपुलेशन कितनी बड़ी चीज होती है, पता है तुमको। सारे गवाह मेरे पास है परम। बहुत डरे हुए हो और डरना चाहिए तुम्हें। तुम झूठे केस बना रहे हो, मैंने टेप भी दिखा दी।’

अर्नब का कहना है कि ऑप इंडिया ने विटनेस मेनुपुलेशन का टेप सीबीआई को सौंप दिया है। डिबेट के दौरान अर्नब पैनल में मौजूद शिवसेना नेता विक्रम सिंह यादव पर बरसने लगे। उन्होंने कहा, ‘फर्जी विटनेस! सुबह 3:30 बजे एक व्यक्ति विशेष के घर पर पुलिस वाले पहुंचते हैं और पहुंचकर कागज दिखाते हैं। कहते हैं कि तुम रिपब्लिक के नाम पर गवाही दो। डूब मरो चुल्लू भर पानी में। कायर! डरपोक! झूठे! मैंने बोला पकड़े जाओगे, पकड़े गए कि नहीं। पकड़ लिया मैंने रंगे हाथों, क्या करोगे बताओ? अरे बताओ विक्रम।’

शिवसेना नेता ने जवाब दिया, ‘अर्नब जी आप इतने क्यों घबरा गए। मुंबई पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करती है तब भी आपको दिक्कत है। अगर आप सच्चे हो तो आप कोर्ट में जाओ न।’ इस बीच अर्नब लगातार बोलते रहते हैं और लगभग उन पर चीखते हुए कहते हैं, ‘झूठे, फर्जी, अरे मुंबई पुलिस से कौन डरता है। झूठे फर्जी गवाह क्यों बनाए। दबाव क्यों डाला झूठे।’

 

इस बीच पैनल में मौजूद भारतीय जानता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी बोले, ‘मैं विक्रम जी से कहना चाहता हूं कि अगर आपको लगता है कि मुंबई पुलिस का अपमान हुआ है और आपमें ज़रा भी गैरत है तो मुंबई पुलिस ने कहा था न कि 26/ 11 हमला हाफ़िज़ सईद ने करवाया। तो करवाइए जाकर उसके खिलाफ एफआईआर जिसने कहा था 26/ 11 हाफ़िज़ ने नहीं, आरएसएस ने करवाया। हिम्मत है तो जाकर करवाइए एफआईआर। हैसियत नहीं वहां चू बोलने की क्योंकि सरकार उसके दम पर टिकी है। 1993 में जब मुंबई दंगो पर मुंबई पुलिस के बारे में जो अनाप शनाप बातें करके विधान सभा में प्रस्ताव पारित करवाया, बोलिए उसके खिलाफ। सबसे ज्यादा आरोप आपके नेता पर लगाया, बालासाहब ठाकरे पर लेकिन आज चू नहीं बोला जा रहा।’

सुधांशु त्रिवेदी ने शिवसेना नेता पर तंज कसते हुए कहा, ‘ये तो बेचारे अब शेर रह नहीं गए। ये दो दो रिंग मास्टर के बीच में हैं। अब रिंग मास्टर जैसी ताली बजाएगा वैसा करना पड़ेगा।’