अनुराग कश्यप की गिनती बॉलावुड के बेहतरीन फिल्म निर्देशकों में होती है। उनकी कई फिल्मों को काफी पसंद किया है। इन दिनों वह अपनी अपकमिंग फिल्म ‘दोबारा’ के प्रचार में व्यस्त हैं। निर्देशक हर मुद्दे पर बेबाकी से अपनी राय रखने के लिए भी जाने जाते हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान फिल्ममेकर ने हिंदी फिल्मों के न चलने पर विस्तार से अपनी राय रखी। सरकार को भी घेरा।
फिल्म निर्माता डरे हुए हैं
अनुराग कश्यप ने बॉलीवुड नाउ को दिए इंटरव्यू के दौरान कहा कि जितना बताया जा रहा है, स्थिति उतनी गंभीर नहीं है। फिल्म निर्माता केवल मीडिया में बनाई जा रही कहानी से डर महसूस कर रहे हैं। स्थिति उतनी गंभीर नहीं है जितनी कि अनुमान लगाया जा रहा है। मुझे नहीं लगता कि हिंदी फिल्मों में कुछ गलत हो रहा है या कमी हो रही है। कुछ इसे खरीद लेते हैं, दूसरे नहीं। हम हर तरह की फिल्में बना रहे हैं और ‘बड़ी ब्लॉकबस्टर’ फिल्मों के बारे में धारणा बनाई जा रही है जो हिंदी फिल्म से नहीं आई हैं।
लोगों के पास नहीं हैं पैसे
फिल्ममेकर ने आगे कहा कि बॉलीवुड ही नहीं दूसरी इंडस्ट्री में भी फिल्में नहीं चल रही हैं। उनके बारे में लोगों को पता नहीं है। हिंदी में दो फिल्में चली हैं, तमिल में भी दो ही फिल्में चलीं, तेलुगू और कन्नड़ में एक-एक फिल्में सफल रही हैं।
आप बताइए कि कौन सी साउथ की फिल्म पिछले शुक्रवार को रिलीज हुई। उससे पहले शुक्रवार को कौन सी फिल्म रिलीज हुई। नहीं पता ना? क्योंकि वहां भी फिल्में काम नहीं कर रही हैं। समस्या ये है कि लोगों के पास पैसे नहीं है। पनीर पर तो जीएसटी दे रहे है। खाने के लिए जीएसटी दे रहे है। उससे ध्यान हटाने के लिए ट्रेंड होता है, बायकॉट ये, बायकॉट वो।
अच्छी फिल्म का लोग इंतजार करते हैं
लोग फिल्म तब देखने जाना चाहते हैं जब उन्हें लगता है कि यह फिल्म सबको पसंद आ जाए। या फिर उस फिल्म का सालों से इंतजार कर रहे हैं। केजीएफ 2 का सालों से इंतजार हो रहा था। आरआरआर का बाहुबली के बाद से इंतजार हो रहा था। भूल भुलैया सीक्वल है तो उसका सालों से इंतजार हो रहा था। संजय लीला भंसाली की फिल्म लोग देखने गए क्योंकि उसे माउथ पब्लिसिटी मिली।