फिल्ममेकर अनुराग कश्यप ने हाल ही में कहा है कि वो अगले साल मुंबई छोड़ने वाले हैं। उनका कहना है कि वो बॉलीवुड इंडस्ट्री के ट्रेंड सें तंग हो चुके हैं और अब साउथ में जाकर काम करना चाहते हैं। अपनी हटके फिल्मों के लिए मशहूर अनुराग कश्यप ने द हॉलीवुड रिपोर्टर इंडिया से बात करते हुए कहा कि अब उनके लिए नए-नए एक्सपेरिमेंट करना मुश्किल हो गया है।
कश्यप ने कहा कि टैलेंट मैनेजमेंट एजेंसी नए एक्टर्स को बेहतर बनाने की बजाय उन्हें स्टार बनाने पर तुली हैं। कश्यप ने एजेंसियों पर यंग एक्टर्स को बर्बाद करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “अब मेरे लिए बाहर जाकर एक्सपेरिमेंट करना मुश्किल हो गया है क्योंकि इसकी कीमत चुकानी पड़ती है। निर्माता प्रॉफिट और मार्जिन के बारे में सोचते हैं और ऐसे में फिल्म शुरू होने से पहले ही इससे बचने के बारे में सोचने लगते हैं। ऐसे में होता ये है कि फिल्ममेकिंग का मजा खत्म हो जाता है।”
अनुराग ने आगे कहा, “इसलिए मैं अगले साल मुंबई से बाहर जाना चाहता हूं। मैं साउथ जा रहा हूं, मैं वहां जाना चाहता हूं जहां उत्तेजना हो, नहीं तो मैं बूढ़ा होकर मर जाऊंगा। मैं अपनी ही इंडस्ट्री से बहुत निराश और निराश हूं। मुझे इस मानसिकता से घिन आती है।”
अनुराग कश्यप ने कहा है कि टेलेंट एजेंसियां नए एक्टर्स के लिए खराब कल्चर पैदा कर रही हैं। उन्होंने नए एक्टर्स एक्टिंग नहीं करना चाहते, वो सभी स्टार बनना चाहते हैं। एजेंसी किसी को स्टार नहीं बनाएगी, लेकिन जैसे ही कोई स्टार बन जाता है, एजेंसी उससे पैसे कमा लेती है। उन्होंने आगे कहा कि आप जोखिम उठाकर 50 लोगों से लड़ते हैं और जब फिल्म बन जाती है तो एजेंसी उन्हें पकड़कर स्टार बना देती है। वे उनका ब्रेनवॉश करती है और बताती है कि स्टार बनने के लिए उन्हें क्या करना होगा। वे उन्हें वर्कशॉप में नहीं बल्कि जिम भेजती हैं, यह सब ग्लैमर-ग्लैम है क्योंकि उन्हें बड़े पैमाने पर स्टार बनना है।
कश्यप ने आगे कहा, “मेरे एक्टर्स, जिन्हें मैं अपना दोस्त समझता था, गायब हो जाते हैं क्योंकि वे एक इसी तरीके से रहना चाहते हैं। ऐसा अधिकतर यहीं होता है, मलयालम सिनेमा में ऐसा नहीं होता है। बता दें कि अनुराग ने हाल ही में मलयालम फिल्म ‘राइफल क्लब’ से एक्टिंग की शुरुआत की है।