डायरेक्टर अनुराग कश्यप अपनी अपकमिंग फिल्म ‘फुले’ को लेकर चर्चा में हैं। इसमें एक्टर प्रतीक गांधी और पत्रलेखा ने लीड रोल प्ले किया है। ये फिल्म समाज सुधारक की जोड़ी ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले की जिंदगी पर आधारित है। इस फिल्म को लेकर अनुराग विवादों में हैं और ये विवाद तब शुरू हुआ जब मूवी पर जातिवाद फैलाने का इल्जाम लगा। सीबीएफसी की ओर से इसकी रिलीज पर रोक लगाने को लेकर डायरेक्टर ने एक पोस्ट शेयर की, जिसमें जातिगत टिप्पणी की। उन्होंने सर्टिफिकेशन बोर्ड पर गुस्सा जाहिर तो किया साथ ही ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ विवादित बयान दे दिया। बढ़ते विवादों को देखते हुए अनुराग ने इस पर माफी मांगी। उनके खिलाफ शिकायत भी दर्ज करा दी गई है।
अनुराग कश्यप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की है। इसे शेयर करने के साथ ही उन्होंने माफी मांगी और लिखा, ‘मैं माफी मांगता हूं लेकिन, अपनी पोस्ट के लिए नहीं बल्कि एक लाइन के लिए, जिसे गलत कंटेस्ट में लिया गया और नफरत फैलाई गई। परिवार, दोस्त, बेटी और कुलीग के आगे कोई एक्शन, भाषण मायने नहीं रखता है, जब उन्हें रेप और जान से मारने की धमकियां मिल रही हों। जो खुद को संस्कारी कहते हैं, वही ये सब कर रहे हैं। कही हुई बात वापिस नहीं ली जा सकती और ना मैं लूंगा लेकिन मुझे जो गाली देना है दो।’
अनुराग कश्यप ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, ‘मेरे परिवार ने ना कुछ कहा है ना कहते हैं। इसलिए अगर मुझसे माफी ही चाहिए तो ये मेरी माफी है। ब्राह्मण लोग औरतों को बख्स दो। इतना संस्कार तो शास्त्रों में भी है, सिर्फ मनुवाद में नहीं है। आप कौन से ब्राह्मण हो तय कर लो बाकी मेरी तरफ से माफी।’ डायरेक्टर ने इस पोस्ट को शेयर करने के साथ ही कैप्शन भी लिखा, ‘मनुवादियों और गैर संस्कारी ब्राह्मणों के लिए माफी।’
क्या था अनुराग कश्यप का विवादित बयान?
अगर डायरेक्टर अनुराग कश्यप के विवादित बयान की बात की जाओ तो उन्होंने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर पोस्ट शेयर की थी। उन्होंने में लिखा था कि उनकी जिंदगी का पहला नाटक ज्योतिबा और सावित्री बाई फुले पर था। उन्होंने सवाल करते हुए लिखा था कि अगर देश में जातिवाद ना होता तो उन्हें लड़ने की क्या जरूरत थी? अनुराग ने पोस्ट में आगे लिखा था कि अब ये ब्राह्मण लोगों को शर्म आ रही है या फिर वो शर्म में मरे जा रहे हैं या फिर एक अलग ब्राह्मण भारत में हैं, जिसे कोई देख नहीं पा रहा। निर्देशक ने कहा कि बेवकूफ कौन है ये कोई तो समझाए।
अनुराग कश्यप ने सवाल उठाते हुए लिखा था कि जब सेंसर बोर्ड के पास फिल्म जाती है तो वहां पर केवल 4 सदस्य होते हैं मगर ग्रुप्स और विंग्स को कैसे फिल्में पहले देखने के लिए मिल रही हैं? अंत में उन्होंने सिस्टम ही खराब बता दिया। डायरेक्टर ने अपनी एक और पोस्ट में उन फिल्मों का जिक्र किया, जो जातिवाद, क्षेत्रवाद, नस्लभेद पर चोट करती हैं। इसमें ‘पंजाब 95’, ‘तीस’, ‘धड़क 2’ जैसी फिल्मों के नाम लिखे और बताया कि कई फिल्में रही हैं, जिन्हें ब्लॉक किया गया। उन्होंने कहा कि ये शर्म की बात है कि लोग इसके खिलाफ आवाज नहीं उठा रहे। साथ में उन्होंने इन्हें कायर तक कह दिया।
देश में जातिवाद है या नहीं- अनुराग कश्यप
इतना ही नहीं, अनुराग कश्यप ने सोशल मीडिया पर एक और पोस्ट शेयर की है। इसमें लिखा, ‘धड़क 2 की स्क्रीनिंग में सेंसर बोर्ड ने बोला, मोदी जी ने इंडिया में कास्ट सिस्टम खत्म कर दिया है। उसी आधार पर संतोष भी इंडिया में रिलीज नहीं हुई। अब ब्राह्मण को समस्या है फुले से। भइया, जब कास्ट सिस्टम ही नहीं है तो काहे का ब्राह्मण। कौन हो आप? आपकी क्यों सुलग रही है। जब कास्ट सिस्टम था नहीं तो ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई क्यों थे? या तो आपका ब्राह्मणवाद एक्जिस्ट ही नहीं करता क्योंकि मोदी जी के हिसाब से इंडिया में कास्ट सिस्टम नहीं है? ये सब लोग मिलकर सबको बेवकूफ बना रहे हैं। भाई मिलकर डिसाइड रर लो इंडिया में जातिवाद है या नहीं। लोग बेवकूफ नहीं हैं। आप ब्राह्मण लोग हो या फिर आप के बाप हैं, जो ऊपर बैठे हैं। डिसाइड कर लो।’
अनुराग कश्यप पर FIR दर्ज
वहीं, डायरेक्टर अनुराग कश्यप के इस विवादित बयान के पर उनपर एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। डायरेक्टर के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट के एक वकील ने मुंबई पुलिस में आधिकारिक तौर पर शिकायत दर्ज कराई है। वकील आशुतोष जे दुबे ने एक्स पर पोस्ट शेयर करके इसकी जानकारी दी है। उन्होंने पोस्ट में लिखा कि अनुराग कश्यप की जाति को लेकर अभद्र टिप्पणी बहुत ही अपमानजनक है। उन्होंने लिखा कि नफर फैलाने वाली ऐसी बातों को समाज में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
