फिल्म द कश्मीर फाइल्स में अनुपम खेर ने कश्मीरी पंडित का किरदार निभाया था। इस फिल्म में गलत तथ्य दिखाए जाने को लेकर खूब विरोध हुआ था। वहीं हाल ही में हुए कश्मीर में पंडितों और बाहरी लोगों की हत्या की वजह भी कुछ लोग इसी फिल्म को बता रहे हैं। अब अनुपम ने ट्वीट कर बताया है कि वह आंतकियों की गोली का शिकार हुए पंडितों के लिए त्रिपिंडी श्राद्ध पूजा करने के लिए वाराणसी जा रहे हैं। इस पर एक पत्रकार ने कहा कि ‘आपको वाराणसी से पहले कश्मीर जाने की जरूरत है।’

अनुपम खेर ने ट्विटर पर लिखा कि “मैं वाराणसी जा रहा हूं। द कश्मीर फाइल्स की शूटिंग के दौरान मैंने निर्णय लिया था कि मैं उन सभी कश्मीरी हिन्दुओं की आत्मा की शांति का पाठ करवाऊंगा, जिनकी #HinduGenocide के दौरान आतंकवादियों द्वारा निर्मम हत्या की गई थी। इस पूजा को त्रिपिंडी श्राद्ध पूजा कहते है। आयोजकों का आभार!” इस पर पत्रकार राजेश साहू ने लिखा कि आपको वाराणसी से पहले कश्मीर जाने की जरूरत है और कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा को लेकर बात करने की जरूरत है। 

अनुपम खेर के ट्वीट पर जवाब देते हुए राजेश साहू ने लिखा कि ‘आपको वाराणसी आने से पहले कश्मीर जाने की जरूरत है। वहां के हालात खराब हैं। वहां जाकर राज्यपाल महोदय से पंडितों की सुरक्षा को लेकर बात करें। फिर महादेव के पास पंडितों की आत्मा की शांति के लिए पाठ करवाएं।’ इस पर अनुपम खेर ने लिखा कि ‘कुछ आप भी कर लो! आप दैनिक भास्कर में पत्रकार है! लिखिए एक लेख कि कैसे कश्मीर में पिछले 35 सालों से आतंकवादियों ने कश्मीरी हिंदुओं को बेरहमी से मारा, उनकी माताओं, बहनों से बलात्कार किया! आतंकवाद की भी बुराई कर लो। जिनकी पूजा के लिए जा रहा हूं, वो उनकी गोलियों के ही शिकार हुए थे।’

इसके बाद पत्रकार ने लिखा कि “हम तो लिखते ही हैं कि कश्मीर में अत्याचार हुआ। लेकिन कश्मीरी पंडितों के खिलाफ हुई हिंसा के वक्त वहां की तत्कालीन सरकार को दोषी क्यों न माना जाए? आपकी फिल्म में भी चालाकी से इस हिस्से को छिपा दिया गया। आपकी फिल्म से सिर्फ नेगेटिविटी फैली है। कश्मीर में भी और देश में भी।”

बता दें कि कश्मीर में हिन्दुओं पर हुए अत्याचार पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर देश में खूब विवाद हुआ था। एक तरफ जहां पीएम मोदी लेकर, केंद्रीय मंत्री और भाजपा शासित राज्य सरकारों ने फिल्म का समर्थन किया था, वहीं दूसरी तरफ इस फिल्म पर बैन लगाने की मांग हुई। साथ में यह भी कहा गया कि इस फिल्म से देश का और कश्मीर का माहौल खराब हो सकता है। हालांकि इस फिल्म पर बैन नहीं लगा और फिल्म ने रिकॉर्ड तोड़ कमाई की।

पिछले दिनों कश्मीर में टारगेट किलिंग कि कई घटनाएँ हुईं। जिसमें कश्मीरी पंडितों और अन्य राज्य के मजदूरों को निशाना बनाया गया। कई कश्मीरी पंडितों ने पलायन करना शुरू कर दिया। सोशल मीडिया पर लोगों ने इसको लेकर TKF फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री, अनुपम खेर को ट्रोल कर रहे थे। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने भी कहा था कि अगर कश्मीर में अमन-चैन चाहिए तो द कश्मीर फाइल्स पर बैन लगना चाहिए।