देशभर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में बेतहाशा इजाफा हो रहा है। बेड, ऑक्सीजन की कमी और दवाओं की किल्लत भी देखने को मिल रही है। महामारी के बीच सरकार के रवैए पर भी सवाल उठ रहे हैं। इसी बीच अभिनेता अनुपम खेर ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि कोरोना संकट में सरकार की वैसी भूमिका नहीं दिखी जैसी होनी चाहिए। ऐसे में आलोचना जरूरी है।
एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में अनुपम खेर ने कहा कि उन्हें (सरकार को) यह समझना चाहिए कि यह इमेज बिल्डिंग का वक्त नहीं है। सरकार का पूरा ध्यान इमेज बिल्डिंग की जगह लोगों की मदद करने और राहत देने की तरफ होना चाहिए था।
अनुपम खेर से जब अस्पतालों में बेड के लिए मारामारी, दवाओं की किल्लत और गंगा में बहती लाशों को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि तमाम मामलों में सरकार की आलोचना जायज है। मेरा मानना है कि सरकार को इस वक्त वह काम करना चाहिए जिसके लिए देश की जनता ने उन्हें चुना है।
खेर ने कहा कि कोई अमानवीय शख्स ही होगा जिससे गंगा में तैरती लाशें देखकर खराब नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि लेकिन इस मामले को किसी दूसरी पार्टी को अपने राजनीतिक फायदे के लिए भुनाने का प्रयास भी नहीं करना चाहिए।
अनुपम खेर ने दो टूक कहा कि जो कुछ भी हुआ है उसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराना बहुत जरूरी है। आपको बता दें कि 66 वर्षीय अभिनेता अनुपम खेर अक्सर मोदी सरकार की तरफदारी करते नजर आते हैं और प्रधानमंत्री की तारीफ में लिखते भी रहते हैं। उनकी पत्नी किरण खेर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सांसद हैं।
आपको बता दें कि पिछले दिनों अनुपम खेर को एक ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया पर काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था। दरअसल, उन्होंने वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता को जवाब देते हुए लिखा था कि आएगा तो मोदी ही। इसके बाद लोग सोशल मीडिया पर उनकी तीखी आलोचना करने लगे थे।