Sushant Singh Rajput Death Case: सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में लगातार खुलासे हो रहे हैं। सुशांत की डेथ के 46 दिनों बाद अब सुशांत की एक्स गर्लफ्रेंड अंकिता लोखंडे (Ankita Lokhande) खुलकर सामने आई हैं और सुशांत को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी है। सुशांत सिंह राजपूत मामले में उन्हें लेकर बार-बार ‘डिप्रेशन’ शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा था कि वह डिप्रेशन से गुजर रहे थे। इसको लेकर अंकिता ने रिएक्ट किया है।
अंकिता ने कहा है कि वह डंके की चोट पर कह सकती हैं कि सुशांत ‘डिप्रेशन’ में नहीं थे। अर्णब गोस्वामी के शो में अंकिता लोखंडे ने मामले पर खुलकर के अपनी बात रखी। अंकिता ने कहा कि वह इस बात को जरा सा भी नहीं मानेंगी जो सुशांत के लिए कहा जा रहा है। अंकिता ने कहा- ‘ मैं मान ही नहीं सकती कि सुशांत डिप्रेशन में था। यह शब्द उसके लिए इस्तेमाल करना बहुत गलत है। यह बहुत बड़ा शब्द है किसी भी इंसान के लिए। वह ऐसा शख्स था ही नहीं जो डिप्रेस्ड होकर अपनी जान ऐसे दे दे।’
अंकिता ने आगे हैरानी जताते हुए कहा- ‘मैं हैरान हूं कि उसके जाने के 15 मिनट बाद ही उसकी मेंटल हेल्थ को लेकर खबरें सामने आने लगीं। हम कई सालों तक साथ रहे थे। शायद इससे भी बड़ी बड़ी तकलीफें हमनें साथ देखीं। हमने उन मुश्किलों का सामना किया है। वह बहुत ही उम्मीदों से भरा हुआ लड़का था। वह किसी चीज को लेकर बेशक बहुत अपसेट हो सकता है लेकिन वह डिप्रेस्ड नहीं हो सकता।’
अंकिता ने आगे कहा- ‘जब ये खबर आई तो हर जगह लिखा आया कि सुशांत ने सुसाइड कर लिया। मुझे इस बात को पचाने में काफी समय लगा। वह ऐसी शख्सियत ही नहीं था, जो कि ऐसा कदम उठा ले। 15 मिनट बाद फिर उसकी तस्वीरें और वीडियोज उसके घर से लीक होने लगीं। सब कह रहे थे कि ये सुसाइड है। मैंने ऐसा कोई लड़का नहीं देखा जो अपने आने वाले 5 सालों को डायरी में लिखता हो। जब हम रिलेशनशिप में थे तब भी वह डायरी लिखता था औऱ उसने उस वक्त अपने 5 सालों के ख्वाबों को उसमें संजोया था। बाद में उसने उन सभी सपनों को पूरा किया था, बिलकुल वैसे जैसे उसने लिखा था।’
अंकिता ने आगे लिखा-‘मैं डंके की चोट पर कह सकती हूं कि वह डिप्रेस्ड हो ही नहीं सकता। उसके लिए कहा गया कि वह बायोपोलर का शिकार हो गया था? वह एक इंस्पिरेशन है, कई तरह से वो मुझे इंस्पायर करता है। बहुत दुख की बात है उसके लिए ऐसा कहा जा रहा है। हर कोई समझ रहा है कि उसे वह जानते थे। वह बहुत पैशनेट था अपने काम को लेकर। वह बच्चा जैसा था। जब गुलाबजामुन को देखता था तो बहुत खुश हो जाता था। वह कहता था कि अगर कुछ नहीं हुआ तो वह खेती करेगा। शॉर्ट फिल्म बनाएगा। वो इतना उम्मीदों से भरा हुआ था।’